Saturday, May 04, 2024
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आप की अदालत: चिराग पासवान के दुखी और आहत होने की वजह क्या है? खुद बताया

आप की अदालत में इस बार के मेहमान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान थे। उन्होंने रजत शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि वह दुखी और आहत हैं।

Rituraj Tripathi Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: April 21, 2024 0:02 IST
Chirag Paswan - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV चिराग पासवान

नई दिल्ली: इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो आप की अदालत में इस बार के मेहमान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान हैं। उन्होंने इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों के खुलकर जवाब दिए। 

क्यों दुखी और आहत हैं चिराग?

चिराग पासवान ने आप की अदालत में कहा कि वह दुखी और आहत हैं, क्योंकि जमुई में एक जनसभा में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के सामने जब किसी ने उनकी मां को गाली दी तब उन्होंने कुछ नहीं किया। पासवान ने कहा, 'अगर मैं तेजस्वी की जगह होता और अगर किसी ने उनकी मां को गाली दी होती, तो मैं उस व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देता।'

चिराग पासवान पहले ही तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर गाली देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं, जबकि चुनाव आयोग से भी शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है।

चिराग पासवान ने कहा, 'तेजस्वी मेरे छोटे भाई जैसे हैं। मेरे पिता के लालू यादव से घनिष्ठ संबंध थे और दोनों साथ मिलकर काम करते थे।'

राबड़ी मेरी मां, मीसा और रोहिणी मेरी बहन: चिराग 

चिराग पासवान ने कहा, 'आज मैं दुखी हूं। आज मुझे इस बात की तकलीफ है कि जिसको मैंने हमेशा अपना छोटा भाई बोला, उसी के सामने मेरे परिवार के लोगों को गालियां दी गईं। मैं खुलकर बोलता हूं, भले मैं किसी भी अलायंस में हूं। मुझे नहीं डर लगता इस बात को कहने में कि मेरे लिए राबड़ी जी मेरी मां हैं, और मैं मानता हूं उनको अपनी मां। मेरे लिए मीसा दीदी, मेरी बड़ी बहन हैं। मेरे लिए रोहिणी मेरी बहन हैं। मेरा रिश्ता रहा है उस परिवार से। आज भले मैं दूसरे अलायंस में हूं, उस रिश्ते को मैंने हमेशा बनाए रखा।'

चिराग ने कहा, 'राजनीतिक लड़ाई मैंने बड़े मन से एक दूसरे के सामने लड़ी। पर आज जब तेजस्वी के सामने मेरे परिवार को गाली दी गई, और जिस तरीके से वह खामोश रहे, यह बात मुझे तकलीफ देती है। मैं अगर तेजस्वी की जगह होता और मेरे सामने अगर उनके परिवार के किसी भी सदस्य के बारे में इस तरीके से कहा जा रहा होता, तो मैं मुंहतोड़ जवाब देता। मैं वहीं पर कड़ा विरोध दर्ज कराता। इस तरीके की भाषा की कतई कोई गुंजाइश नहीं। आप कड़े से कड़ा विरोध मर्यादा में रहकर कर सकते हैं।'

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