Friday, April 26, 2024
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Covid-19 Updates: जब देश ने जाना क्या और कैसा होता है लॉकडाउन, आज के दिन से शुरू हुआ था पाबंदियों का दौर

24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिनों के लिए देशव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था। प्रधानमंत्री के इस ऐलान पर पूरे देश ने भरोसा किया और कमर कसकर खुद को 21 दिनों के लिए घरों में कैद कर लिया था। आज देश में लॉकडाउन की इस घोषणा के दो साल पूरे हो रहे हैं।

Swayam Prakash Written by: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: March 24, 2022 11:48 IST
India completes the second year of the announcement of lockdown on March 24th - India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE OF LOCKDOWN (PTI) India completes the second year of the announcement of lockdown on March 24th 

Highlights

  • 24 मार्च 2020 को पीएम मोदी ने किया था लॉकडाउन का ऐलान
  • 21 दिनों तक जारी रहा था पाबंदियों का पहला दौर
  • बाजारों से लेकर जहाजों तक हर चीज पर लग गया था ताला

नई दिल्ली: हर शताब्दी में एक ऐसी घटना घटती है जो कि अपने पूरे कालचक्र का परिचय देती है। 21वीं शताब्दी में हर किसी के हिस्से की त्रासदियों को मिलाकर एक महाविनाशक घटना बनी जिसे हमने कोरोना महामारी के नाम से जाना। दुनिया के तमाम देशों को छूते हुए जब कोरोना महामारी भारत पहुंची तो संक्रमण की रफ्तार ने अपना गियर बदल लिया। भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी को केरल में दर्ज किया गया था। 

देश में कुछ ही हफ्तों में कोरोना के मामलों ने सैकड़ा पार किया और देखते ही देखते कुल आंकड़ा 500 के पार चला गया। अब तक साल 2020 के मार्च का तीसरा हफ्ता शुरू हो चुका था और कोरोना के मामले भी रफ्तार पकड़ रहे थे। हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम औचक संबोधन किया और एक नए शब्द के साथ नया प्लान लागू कर दिया।  22 मार्च, 2020 को जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिनों के लिए देशव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था।

प्रधानमंत्री के इस ऐलान पर पूरे देश ने भरोसा किया और कमर कसकर खुद को 21 दिनों के लिए घरों में कैद कर लिया। वही सड़कें जिन्हें कभी पैदल पार कर पाना दूभर होता था, वे अब रेगिस्तान सी खाली पड़ीं थी, जिन रेल गाड़ियों में इंसान एक अदद पैर रखने की जगह खोजता रह जाता था, अब वे ऐसे थमी खड़ी थीं, मानो इन लोहे के डब्बों को प्रतिबंधित कर दिया हो। बाजारों में पसरा अभूतपूर्व सन्नाटा, देश ने इससे पहले कभी नहीं देखा था। 

लॉकडाउन जैसे नए शब्द और एकदम नई तरह की पाबंदी को 21 दिनों की तपस्या मानकर देश ढलना शुरू ही कर रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया था। इस लॉकडाउन में किराने की दुकानें, बैंक, एटीएम, दवाखाने और पेट्रोल पंप को छोड़कर सब कुछ बंद कर दिया गया था। समूचे देश में 21 दिनों के बाद पाबंदी खुलने के इंतजार में बैठे पलायन कर दूसरे राज्यों में गए मजदूरों के पास अब विकल्प खत्म हो रहे थे। लिहाजा देश ने मानव पलायन की वो घटनाएं भी देखीं जिनमें मजदूर चिलचिलाती धूप और लू से लड़ते हुए पैदल ही सैंकड़ों किलोमीटर घर के लिए कूच कर चुके थे।

पूरे देश के बाजारों का इतने लंबे समय तक बंद होना, ऊपर से बड़े शहरों से मजदूरों का इतनी बड़ी संख्या में पलायन देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचने वाला था। बाजार बंद, कारोबार ठप, निर्माण कार्यों पर रोक, हर तरह के यातायात के पहिए भी थम चुके थे। ये सबकुछ धीरे-धीरे देश की अर्थव्यवस्था को चोक कर रहे थे।

आज देश में लॉकडाउन की इस घोषणा के दो साल पूरे हो रहे हैं। इन दो सालों में न सिर्फ भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को वापस खड़ा कर लिया है बल्कि कोरोना महामारी से भी लगभग निजात पा चुका है। पाबंदियों के बेदर्द दौर से निकल कर अब देश 31 मार्च 2022 को सभी तरह की पाबंदियों से मुक्त होने चला है।    

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