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'हाईजैक हो चुके विमान पर मेरे पिता भी सवार थे', विदेश मंत्री जयशंकर ने जिनेवा में सुनाया किस्सा

विदेश मंत्री एस जयशंकर जिनेवा में एक कार्यक्रम के दौरान 1999 में आईसी 814 के अपहरण पर हाल में जारी टेलीविजन सीरीज के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Sep 13, 2024 23:17 IST, Updated : Sep 13, 2024 23:17 IST
S jaishankar- India TV Hindi
Image Source : FILE एस. जयशंकर, विदेश मंत्री

जिनेवा: विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने शुक्रवार को खुलासा किया कि1984 में हाईजैक हुए विमान में उनके पिता भी सवार थे। उस हाईजैक से निपटने के लिए सरकार की ओर से बनाई गई टीम का वो भी हिस्सा थे। जयशंकर बतौर सिविल सर्वेंट उस बातचीत में सामिल थे। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में उनके पास “दोनों पक्षों” परिवार के सदस्यों और सरकार में बैठे लोगों के दृष्टिकोण को लेकर एक अनोखा नजरिया था। जयशंकर यहां एक कार्यक्रम के दौरान 1999 में आईसी814 के अपहरण पर हाल में जारी टेलीविजन सीरीज के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। 

उस टीम का हिस्सा था, जो मामले से निपट रही थी

जयशंकर ने कहा, ‘‘कैसे एक युवा अधिकारी के रूप में मैं उस टीम का हिस्सा था, जो अपहरण के मामले से निपट रही थी। वहीं दूसरी तरफ, मैं उन परिवारों के सदस्यों में शामिल था जो अपहरण के बारे में सरकार पर दबाव डाल रहे थे।’’ भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद सवाल-जवाब सत्र के दौरान, श्रोताओं में से एक ने मंत्री से ‘नेटफ्लिक्स’ पर हाल में आई सीरीज ‘आईसी814: द कंधार हाईजैक’ पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही थी। 

व्यक्तिगत अनुभव शेयर किया

जयशंकर ने कहा कि उन्होंने यह सीरीज नहीं देखी है। उन्होंने हालांकि अपहरण की घटना के संबंध में अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा, ‘‘1984 में एक विमान का अपहरण हुआ था। मैं एक बहुत ही युवा अधिकारी था। मैं उस टीम का हिस्सा था जो इससे निपट रही थी। मैंने अपनी मां को फोन करके बताया कि मैं नहीं आ सकता, अपहरण हो गया है। मुझे पता चला कि मेरे पिता उस विमान में थे। विमान दुबई में जाकर रुका। सौभाग्य से, किसी की जान नहीं गई, लेकिन कुछ गलत भी हो सकता था।’’ 

बिना किसी नुकसान के रिहा किए गए थे यात्री

पांच जुलाई 1984 को इंडियन एयरलाइंस के विमान को पठानकोट से अपहरण कर दुबई ले जाया गया। लगभग 36 घंटे के बाद 12 खालिस्तान समर्थक अपहरणकर्ताओं ने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और सभी 68 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को बिना किसी नुकसान के रिहा कर दिया गया। जयशंकर एक आईएफएस अधिकारी थे और सेवानिवृत्ति के बाद केंद्र सरकार में मंत्री बने। उनके पिता के.सुब्रह्मण्यम एक आईएएस अधिकारी थे और रणनीतिक मुद्दों पर नियमित रूप से टिप्पणी किया करते थे। (इनपुट-भाषा)

 

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