Saturday, May 04, 2024
Advertisement

कोरोना का खौफ! बेटे संग 3 साल कर घर में कैद रही महिला, पति की भी एंट्री थी बैन

कहा जा रहा है कि महिला कोविड-19 से बेहद डरी हुई थी और जब 2020 में पहली बार लॉकडाउन के बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई थी तब महिला का इंजीनियर पति सुजान माझी काम करने के लिए बाहर निकला था, इसके बाद उसने अपने पति को घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: February 23, 2023 16:54 IST
महिला ने कोविड के डर से...- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA महिला ने कोविड के डर से खुद को और अपने बेटे को 3 साल के लिए घर में कैद किया

गुरुग्राम: कोरोना वायरस का डर ज्यादातर लोगों के लिए बीते दिनों की बात हो सकती है, लेकिन गुरुग्राम की एक महिला के लिए नहीं। दरअसल एक महिला ने कोविड-19 से संक्रमित होने के डर से खुद को और अपने बेटे को लगभग 3 साल तक अपने घर में बंद कर लिया था। यह घटना गुरुग्राम के मारुति कुंज इलाके में सामने आई। महिला की पहचान मुनमुन माझी के रूप में हुई है और उसके 10 साल के बच्चे को मंगलवार को पुलिस, स्वास्थ्य और बाल कल्याण विकास अधिकारियों की एक टीम ने बचाया था। दोनों को आगे के इलाज के लिए गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।

किराए पर अलग घर लेकर रहने लगा पति

कहा जा रहा है कि महिला कोविड-19 से बेहद डरी हुई थी और जब 2020 में पहली बार लॉकडाउन के बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई थी तब महिला का इंजीनियर पति सुजान माझी काम करने के लिए बाहर निकला था, इसके बाद उसने अपने पति को घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी। सुजान ने कुछ दिन अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर बिताए लेकिन बाद में उन्होंने अपने परिवार के संपर्क में रहने के लिए उसी इलाके में एक और घर किराए पर ले लिया।

वह वीडियो कॉल के जरिए उनके संपर्क में रहे और दोनों की सभी जरूरतों को पूरा किया। वह उनका मासिक किराया और अपने बेटे की स्कूल की फीस चुकाता, उनके लिए किराने का सामान और सब्जियां खरीदता और मुख्य दरवाजे पर छोड़ देता। सिलेंडर बदलने के बाद महिला ने गैस चूल्हे का इस्तेमाल करना बंद कर दिया। इसके बजाय उसने खाना पकाने के लिए इंडक्शन हीटर का इस्तेमाल किया। महिला का बेटा ऑनलाइन क्लास लेता था।

'कोविड का टीका नहीं आ जाता तब तक बेटे को नहीं छोड़ूंगी'
सुजान ने उसे मनाने के कई प्रयास किए लेकिन सब व्यर्थ रहा। उसने अपने ससुराल वालों को मुनमुन से बात करने के लिए भी कहा। लेकिन मुनमुन अपने फैसले पर इतनी सख्त थी कि वह बेटे को तब तक नहीं छोड़ेगी जब तक कि उनके पास बच्चों के लिए कोविड का टीका नहीं आ जाता। अब तक 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई टीका नहीं था, जबकि महिला का बेटा 10 साल का है। बाद में सुजान ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने मंगलवार को मुनमुन के घर पुलिस के साथ जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और बाल कल्याण विभाग के सदस्यों से संपर्क किया।

यह भी पढ़ें-

मुनमुन को दरवाजा खोलने के लिए राजी करने के कई अनुरोध करने के बाद, अधिकारियों को उन्हें बचाने के लिए दरवाजा तोड़ने के लिए कहा गया। इसके बाद दोनों को तत्काल उपचार के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement