Sunday, May 05, 2024
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आदित्य एल-1 मिशन की तैयारियां पूरी, यह पेलोड ISRO को हर दिन भेजेगा सूरज की 1440 तस्वीरें

सूरज के रहस्यों पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। यहां कई ऐसे राज दबे हुए हैं, जिससे हम सभी अभी तक अंजान हैं। इन तमाम राज को उजागर करने के लिए भारत आदित्य-एल1 मिशन को 2 सितम्बर को सुबह 11:50 पर लॉन्च कर रहा है।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: September 01, 2023 20:04 IST
Aditya L-1 mission- India TV Hindi
Image Source : FILE आदित्य एल-1 मिशन की तैयारियां पूरी

नई दिल्ली: चांद की सतह पर चंद्रयान को लैंड कराकर भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने नए आयाम स्थापित कर दिए। अब इसके बाद एजेंसी का अगला मिशन आदित्य एल-1 शनिवार को लॉन्च करने जा रहा है। यह मिशन सूरज के बारे में जानकारियां जुटाने के लिए लॉन्च किया जा रहा है। आदित्य एल-1 को 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा से सुबह 11:50 पर PSLV-XL से मिशन पर भेजा जाएगा। 

आदित्य एल-1 में लगाए गए हैं 6 पेलोड 

जानकारी के अनुसार, आदित्य एल-1 में सूरज के बारे में जानकारी जुटाने के लिए 6 पेलोड लगाए गए हैं। जिसमें VELC, SUIT, SoLEXS HEL1OS, ASPEX, PAPA और MAG हैं। इन सभी पेलोड्स का अपना-अपना काम है। इसमें से वीईएलसी सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण पेलोड है। यह एल-1 पॉइंट पर पहुंचने पर विश्लेषण के लिए ग्राउंड स्टेशन को प्रतिदिन 1,440 तस्वीरें भेजेगा। इसके बाद इनका विश्लेषण किया जाएगा। वीईएलसी की परियोजना वैज्ञानिक और अभियान प्रंबंधक डॉ. मुथु प्रियल ने कहा, सातत्य चैनल एक इमेजिंग चैनल है, जिससे एक मिनट में एक छवि आएगी। इसलिए, हमें एक घंटे में लगभग 1,440 तस्वीरें मिलेंगी।

Aditya L-1 mission

Image Source : PTI
आदित्य एल-1 मिशन

क्या है मिशन आदित्य L1?

बता दें कि सूरज के बारे में तमाम जानकारी और रहस्य से पर्दा उठाने के लिए भारत का यह पहला मिशन होगा। इसे धरती और सूरज के बीच में स्थित 5 लाग्रंगियन पॉइंट्स में से पहले पॉइंट्स के बीच स्थापित किया जाएगा। इस पॉइंट को एल-1 नाम दिया गया है। यह एल-1 पॉइंट धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है। इसरो आदित्य एल-1 को यहीं स्थापित करेगा और वह यहीं इसे अपने काम को अंजाम देगा। 

इसरो क्यों दे रहा इस मिशन को अंजाम?

विज्ञान ने अभूतपूर्व प्रगति कर ली है लेकिन सूरज के रहस्यों पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। यहां कई ऐसे राज दबे हुए हैं, जिससे हम सभी अंजान हैं। इन तमाम राज को उजागर करने के लिए भारत आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च कर रहा है। इसमें कई विषयों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाएंगी। जिसमें कोरोनल हीटिंग और सौर हवा त्वरण के बारे में सौर वातावरण के कपलिंग और गतिशीलता के बारे में, सौर पवन वितरण और तापमान अनिसोट्रॉपी और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) की शुरूआत, फ्लेयर्स, पृथ्वी-अंतरिक्ष के नजदीकी मौसम के बारे में जानकारी इकट्ठा करना आदित्य-एल1 का मुख्य काम रहेगा।

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