Thursday, March 28, 2024
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Jammu Kashmir delimitation: जम्मू-कश्मीर में परिसीमन पर मुस्लिम देशों के संगठन OIC ने जताई आपत्ति, भारत ने लगा दी लताड़

भारत ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की टिप्पणी पर भी ऐतराज जताया है। अरिंदम बागची ने कहा, हम इस बात से निराश हैं कि OIC सेक्रेट्रिएट ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर अनुचित टिप्पणी की है।

Khushbu Rawal Written by: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: May 17, 2022 16:37 IST
Arindam Bagchi - India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE PHOTO) MEA spokesperson Arindam Bagchi

Highlights

  • जम्मू कश्मीर में परिसीमन पर पाकिस्तानी संसद के प्रस्ताव को भारत ने किया खारिज
  • OIC से भी कहा- कश्मीर हमारा है, उसके परिसीमन पर पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा न फैलाएं

Jammu Kashmir delimitation: भारत ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन की कवायद पर पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में पारित प्रस्ताव को मंगलवार को ‘हास्यास्पद’ करार देते हुए कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का उसका (पाकिस्तान का) कोई अधिकार नहीं हैं। इस विषय पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा, ‘‘केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पर पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में पारित ‘हास्यास्पद’ प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हैं।’’

'जम्मू-कश्मीर भारत  का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा'

इससे एक दिन पहले भारत ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की टिप्पणी पर भी ऐतराज जताया है। अरिंदम बागची ने कहा, हम इस बात से निराश हैं कि OIC सेक्रेट्रिएट ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर अनुचित टिप्पणी की है। जम्मू-कश्मीर हमारा अभिन्न हिस्सा और अविभाज्य हिस्सा है।

बागची ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों के संबंध में बयान देने या इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, जिसमें उसके (पाकिस्तान के) अवैध एवं बलपूर्वक कब्जे वाला भारतीय क्षेत्र भी शामिल है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम इस बात पर पुन: जोर देते हैं कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ सीमापार से आतंकवाद और आतंकी आधारभूत ढांचे को बंद करे तथा अपने कब्जे वाले कश्मीर एवं लद्दाख (POJKL) में मानवाधिकारों का लगातार किये जा रहे हनन को रोके।’’

बागची ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर एवं लद्दाख में यथास्थिति में बदलाव करने से दूर रहे और अपने (पाकिस्तान के) अवैध एवं बलपूर्वक कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करे। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में परिसमीन एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जो पक्षकारों की वृहद सहभागिता और परामर्श के सिद्धांत पर आधारित है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह खेदजनक है कि अपने देश को व्यवस्थित करने के बजाए पाकिस्तान का नेतृत्व लगातार भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और आधारहीन एवं उकसाने वाले भारत विरोधी दुष्प्रचार में लगा हुआ है।’’

OIC ने परिसीमन को कश्मीरियों के अधिकारों के खिलाफ बताया
गौरतलब है कि पाकिस्तान की संसद ने पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव में आरोप लगाया गया था कि इस भारतीय कदम का लक्ष्य मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी वाले जम्मू्-कश्मीर की चुनावी जनसांख्यिकी में कृत्रिम तरीके से बदलाव करना है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा और लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर केंद्र के आयोग ने मई की शुरुआत में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी। OIC ने सोमवार को ट्वीट कर जम्मू कश्मीर में परिसीमन को लेकर आपत्ति जताई। इसमें कहा गया कि भारत का यह प्रयास जम्मू कश्मीर के डेमोग्राफिक ढांचे को बदलने और कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है। OIC ने कहा, परिसीमन की यह प्रक्रिया चौथे जिनेवा कन्वेंशन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन है।

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