
नई दिल्ली: राजस्थान के बांसवाड़ा से लोकसभा सदस्य और भारत आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से संबंधित एक व्यवस्था के तहत महिलाओं को रेटिना स्कैन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करानी होगी और ऐसे में उन्हें घूंघट हटाना पड़ेगा जो स्थानीय संस्कृति पर हमला है। रोत ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, "यह हमारी संस्कृति रही है कि महिलाएं ससुर और जेठ समेत अपने से बड़े पुरुषों के सामने घूंघट करती हैं। लेकिन नरेगा योजना में तय किया गया है कि स्क्रीनिंग के लिए रेटिना स्कैन लिया जाएगा, जिसके तहत महिलाओं को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए घूंघट हटाना होगा। यह नियम हमारी संस्कृति पर हमला करने के लिए लागू किया गया है।’’
अरुण गोविल ने उठाया ये मुद्दा
शून्यकाल के दौरान अन्य सांसदों ने भी अलग-अलग मामलों पर अपनी बात रखी। भाजपा के सांसद अरुण गोविल ने बैंकों में राशि जमा किए जाने में कथित तौर पर गिरावट आने का विषय उठाया। उन्होंने कहा कि बैंकों को सिर्फ बैंकिग संबंधी काम करने दिया जाए और उन्हें बीमा के काम से मुक्त किया जाए। कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा कि गिग कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा की सुविधा मिलनी चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आईडीबाईआई बैंक का निजीकरण नहीं हो और वह जैसे चल रहा है, उसे उसी तरह संचालित किया जाता रहे।
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि पंजाब में ग्रेनेड हमले हुए हैं और केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विफल साबित हुए हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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