Wednesday, April 24, 2024
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Operation Meghchakra: चाइल्ड सेक्सुअल पोर्नोग्रार्फी मामले में सीबीआई ने चलाया ऑपरेशन मेघचक्र, 20 राज्यों में 26 लोकेशन पर डाली रेड

Operation Meghchakra: सीबीआई को इंटरपोल के जरिये सिंगापुर से इस मामले के इनपुट्स मिले थे जिसके बाद भारत में ये छापेमारी जारी है।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Deepak Vyas Updated on: September 24, 2022 15:59 IST
CBI- India TV Hindi
Image Source : FILE CBI

चाइल्ड सेक्सुअल पोर्नोग्रार्फी मामले में सीबीआई ने अभियान चलाया है।  इसके तहत देशभर के 20 राज्यों में 26 लोकेशन पर रेड डाली है। इस अभियान को ऑपरेशन मेघचक्र नाम दिया गया है। सीबीआई के मुताबिक कई ऐसे गैंग चिन्हित किए गए हैं जो न केवल चाइल्ड सेक्सुअल पोर्नोग्राफी के सम्बंधित साम्रगी, बल्कि बच्चों को फिजिकली ब्लैकमेल कर उसका इस्तेमाल करते हैं। ये गैंग्स दोनों तरीके से काम करता है यानी समूह बनाकर भी और व्यक्तिगत तौर पर भी।

पिछले साल 16 नवंबर को चलाया था ऑपरेशन कार्बन

सीबीआई को इंटरपोल के जरिये सिंगापुर से इस मामले के इनपुट्स मिले थे जिसके बाद भारत में ये छापेमारी जारी है। पिछले साल नवंबर में सीबीआई ने इंटरपोल के इनपुट्स पर 16 नवंबर को ऑपरेशन कार्बन चलाया था, ये उसी ऑपरेशन का फॉलोअप है।

देशभर के कई ठिकानों पर दी दबिश

बाल यौन शोषण से जुड़ी चीजों की ऑनलाइ शेयरिंग के खिलाफ सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने शनिवार को 20 राज्यों में कई ठिकानों पर दबिश दी है। इसे ‘ऑपरेशन मेघचक्र‘ नाम दिया गया है। खबर है कि इंटरपोल सिंगापुर से मिले इनपुट और बीते साल अंजाम दिए गए ऑपरेशन कार्बन के दौरान हासिल की गई जानकारी के आधार पर छापे मारे गए हैं। सीबीआई ने सर्क्युलेशन ऑफ चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉइटेशन मटेरियल के दो मामलों को लेकर एक्शन लिया गया है।

दरअसल, देश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला कोई नया मामला नहीं है। यह देश में लगातार चिंता का विषय रहा है। भारत में सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड होते चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो और कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है।

सुप्रीम कोर्ट सोशल मीडिया कंपनियों से मांग चुका है जवाब

इसी हफ्ते 19 सिंतबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप के वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने से रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं। इसके बारे में सोशल मीडिया कंपनियों से पूछा था। साथ ही शीर्ष अदालत ने फेसबुक, ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनियों को 6 हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की इन कंपनियों को ये भी बताने के लिए कहा कि उन्होंने चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप की वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म पर अपलोड होने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। इस मामले में सभी कंपनियां विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करेंगी।

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