विपक्ष के 120 सांसदों ने मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट के एक जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जज ने उस पहाड़ी पर स्थित मंदिर में हिन्दुओं को दीप जलाने की परमीशन दे दी जिस पर एक दरगाह भी मौजूद है। जज के इस फैसला को विपक्ष के सांसदों ने हिन्दुत्ववादी राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित फैसला माना है। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के फैसले से नाराज विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को महाभियोग का प्रस्ताव सौंपा है।
क्या है ये पूरा मामला?
असल में मदुरई में कार्तिकई दीपम की वर्षों पुरानी परंपरा है। एक पहाड़ी पर प्रचीन मंदिर है। इसमें हर साल सामूहिक दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम होता है लेकिन इस पहाड़ी पर एक दरगाह भी है। इसलिए कार्तिकई दीपम परंपरा का विरोध हो रहा है। ये पूरा मामला कोर्ट में पहुंचा। मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने मंदिर में दीप जलाने का आदेश दिया है और साफ किया है कि मंदिर में दीप जलाने से मुसलमानों के हकों का कोई उल्लघंन नहीं होता। जिस जगह पर दीप प्रज्जवलन होना है वो जगह मंदिर की है, इसका दरगाह से कोई लेना देना नहीं है।
तमिलनाडु सरकार ने क्या कहा?
हालांकि, तमिलनाडु सरकार का कहना है कि अगर पहाड़ी पर मंदिर में दीप जलाने की परमिशन दी गई तो माहौल खराब हो सकता है। इसीलिए हाई कोर्ट का फैसला नहीं माना जा सकता। इस मुद्दे पर जस्टिस स्वामीनाथन ने दोबारा सुनवाई की और CISF की निगरानी में हिंदू पक्ष से मंदिर में दीप जलाने को कहा। इसी फैसले से नाराज DMK के नेता अब जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाना चाहते है। DMK के इस प्रस्ताव को तमाम विरोधी दलों ने सपोर्ट किया है।
ओम बिरला को महाभियोग का प्रस्ताव सौंपा गया
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग का जो प्रस्ताव सौंपा गया है उस पर- कनीमोई, अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, सुप्रिया सुले और अरविंद सांवत समेत विपक्ष के 120 सासदों के हस्ताक्षर हैं।
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