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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी संथन की मौत, चेन्नई के अस्पताल में चल रहा था इलाज

संथन श्रीलंका का नागरिक था। दो साल पहले वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने संथन समेत सात लोगों को रिहा कर दिया था। संथन जेल में 20 साल से ज्यादा की सजा काट चुका था।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Feb 28, 2024 9:38 IST, Updated : Feb 28, 2024 10:27 IST
Rajiv Gandhi, former PM- India TV Hindi
Image Source : PTI राजीव गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री

चेन्नई: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में दोषी संथन की चेन्नई के एक अस्पताल में मौत हो गई। राजीव गांधी हत्याकांड में 20 साल से ज्यादा जेल की सजा काटने के बाद दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने संथन को रिहा किया था। जानकारी के मुताबिक संथन की मौत हार्ट अटैक से हुई।  संथन उर्फ टी सुथेन्डिरराजा (55 वर्ष) एक श्रीलंकाई नागरिक था। 1991 में श्री पेरम्बदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में 20 साल से ज्यादा जेल की सजा काटने के बाद 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने संथन समेत सात लोगों को रिहा कर दिया था। 

सुबह 7.50 मिनट पर हार्ट अटैक से मौत

संथन की मौत चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में हुई। इस अस्पताल में संथन के संथन का "लिवर फेल्योर" का इलाज चल रहा था। सुबह 7.50 मिनट पर हार्ट अटैक के चलते संथन की मौत हो गई।

संथन के शव को श्रीलंका भेजा जाएगा

राजीव गांधी सरकारी अस्पताल के डीन ई थेरानिराजन ने कहा, 'संथन को बुधवार सुबह करीब 4 बजे कार्डियक अरेस्ट हुआ, लेकिन सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रक्रिया के बाद उसकी सांसें फिर से लौट आई थी और उसे ऑक्सीजन दिया गया और वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। हालांकि, संथन पर इलाज का कोई असर नहीं हुआ और आज सुबह 7.50 बजे उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, 'पोस्टमार्टम कराया जाएगा...शव को श्रीलंका भेजने के लिए कानूनी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।' (

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर 2022 को राजीव गांधी हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था। इस आदेश के अगले दिन नलिनी, श्रीहरन, संथन, रॉबर्ड पायस, जयकुमार और रविचंद्रन को रिहा करने का आदेश दिया गया था। इन लोगों में से नलिनी और रविचंद्रन को अपने परिवार से मिलने की इजाजत दी गई थी जबकि बाकी लोगों को त्रीची सेंट्रल जेल के स्पेशल कैंप में रखा गया था। क्योंकि ये लोग श्रीलंका के नागरिक थे। (एजेंसी)

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