अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो रहे शंकराचार्य को लेकर उठे विवाद पर शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने इंडिया टीवी से खुलकर बात की। उन्होंने दावा किया कि कोई भी शंकराचार्य नाराज नहीं है। हम व्यवस्थाओं की वजह से समारोह में नहीं जा रहे हैं। बाद में श्री रामलला के दर्शन के लिए जरूर जाएंगे। उन्होंने कहा कि सबकी एक मर्यादा होती है और उनके शिष्य भी अयोध्या जाते। इतनी भीड़ में शंकराचार्य का जाना उचित नहीं था। हम लोगों का भी एक नियम होता है शायद वहां पर इसका पालन नहीं हो पाता। इसलिए चारों शंकराचार्य ने वहां जाना उचित नहीं समझा। हम लोगों को नियमंत्रण मिला है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद शंकराचार्य अयोध्या जरूर जाएंगे।
विपक्ष को दिया करारा जवाब
चारों पीठ के शंकराचार्य के अयोध्या नहीं जाने के विपक्षी नेताओं के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को वहां नहीं जाना है। इसलिए वे हमारी आड़ ले रहे हैं। शंकराचार्य के राम पर राजनीति नहीं होना चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा में किसी तरह का विध्न नहीं आएगा। प्रभु जब विराजेंगे वही घड़ी शुभ है। प्राण प्रतिष्ठा का मुहुर्त निकालने वाले विद्धान लोग हैं। मुहुर्त पर पहले विचार किया जाता तो ठीक रहता। अब मुहुर्त पर विचार करने का समय नहीं है।
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पीएम मोदी ठीक कर रहेः शंकराचार्य
स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि राम लला की प्राण प्रतिष्ठा प्रसन्नता का विषय है। 500 साल से इस घड़ी का इंतजार था। उन्होंने देश के लोगों से कहा कि सभी राम भक्तों को प्राण प्रतिष्ठा में जाना चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि पीएम मोदी ने वृत शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री को जो करना चाहिए वो मोदी कर रहे हैं।
शंकराचार्य के नहीं जाने पर उठे थे विवाद
बता दें कि इससे पहले विपक्ष के कुछ नेताओं ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि प्राण प्रतिष्ठा में चारों पीठ के शंकराचार्य नहीं जा रहे हैं क्योंकि उनका अपमान किया गया है। मंदिर का पूर्ण निमार्ण नहीं होने की वजह से प्राण प्रतिष्ठा अभी नहीं होनी चाहिए। इन्हीं सब बातों को लेकर शंकराचार्य अयोध्या नहीं जा रहे हैं।