Friday, April 26, 2024
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Sticky Bomb: क्या होता है स्टिकी बम? अमरनाथ यात्रा के लिए बताया जा रहा खतरा, द्वितीय विश्व युद्ध में भी मचा चुका है तबाही

Sticky Bomb: स्टिकी बम बहुत सस्ता और आकार में तो बहुत छोटा होता है, लेकिन इसमें विस्फोट काफी घातक होता है। स्टिकी बम चिपकने वाला ऐसा बम होता है, जो गाड़ियों या किसी चीज की ओर फेंके जाने पर उससे चिपक जाता है और दूर से ही रिमोट के जरिए या टाइमर सेट करके इसमें विस्फोट कर दिया जाता है। इस बम को 'मैग्नेटिक बम' भी कहा जाता है।

Shashi Rai Written by: Shashi Rai @km_shashi
Updated on: June 07, 2022 14:07 IST
Jammu Kashmir- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Jammu Kashmir

Highlights

  • स्टिकी बम बहुत सस्ता और आकार में बहुत छोटा होता है
  • स्टिकी बम दूर से फेंकने पर ही किसी गाड़ी या किसी चीज में चिपक जाता है
  • दूर से ही रिमोट के जरिए या टाइमर सेट करके इसमें विस्फोट कर दिया जाता है।

Sticky Bomb: अमरनाथ यात्रा से पहले 'स्टिकी बम' ने सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में पाकिस्तान से आए एक ड्रोन को लोगों ने देखा था। बाद में पुलिस ने हथियार भी बरामद किए थे। इनमें 7 स्टिकी बम भी बरामद हुए थे। ऐसे में सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ गई है। इससे पहले कश्मीर में आतंकियों के पास से पहली बार स्टिकी बम पिछले साल फरवरी के महीने में जम्मू के सांबा इलाके में बरामद किया गया था। इसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियां स्टिकी बम के खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही हैं। 

क्या होता है स्टिकी बम? 

स्टिकी बम बहुत सस्ता और आकार में तो बहुत छोटा होता है, लेकिन इसमें विस्फोट काफी घातक होता है। स्टिकी बम चिपकने वाला ऐसा बम होता है, जो गाड़ियों या किसी चीज की ओर फेंके जाने पर उससे चिपक जाता है और दूर से ही रिमोट के जरिए या टाइमर सेट करके इसमें विस्फोट कर दिया जाता है। इस बम को 'मैग्नेटिक बम' भी कहा जाता है। अक्सर स्टिकी बम को कार, बस या सेना की गाड़ियों के फ्यूल टैंक से चिपका दिया जाता है जिससे ब्लास्ट होने पर गाड़ी के परखच्चे उड़ जाते हैं। स्टिकी बम में 50-10 मिनट का टाइमर होता है। 

स्टिकी बम कब-कब मचा चुका है तबाही?

2021 से पहले अक्सर अफगानिस्तान में कार में विस्फोट की खबरें आती थीं। इन धमाकों में स्टिकी बम का ही इस्तेमाल होता था। आतंकी अफगानिस्तान में बच्चों के जरिए ट्रैफिक सिग्नल पर या धार्मिक स्थलों के बाहर खड़ी गाड़ियों में इस स्टिकी बम को चिपका देते थे और फिर दूर बैठकर मोबाइल से धमाका कर देते थे। 

दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान स्टिकी बम का इस्तेमाल किया गया था। हाल के सालों में इरान में भी स्टिकी बम से कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पहले तालिबान ने भी अफगानिस्तान में NATO सेनाओं के खिलाफ इसका खूब इस्तेमाल किया था। 

भारत में बीते महीने कटरा से जम्मू जा रही एक बस पर हमले में भी स्टिकी बम के इस्तेमाल का शक है, जिसकी NAI जांच कर रही है। 

स्टिकी बम बहुत सस्ता होता है

स्टिकी बम बहुत छोटा और सस्ता होता है। इसको मात्र 2 हज़ार रुपए में भी बनाया जा सकता है और इसका इस्तेमाल भी बहुत आसान है। इसलिए आतंकी इसका खूब इस्तेमाल करते रहे हैं। 

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