Tuesday, March 19, 2024
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Supreme Court on Sex Workers: SC ने वेश्यावृत्ति को माना प्रोफेशन, दिया आदेश-बेवजह सेक्स वर्कर्स को परेशान न करे पुलिस, पढ़ें डिटेल

Supreme Court on Sex Workers: सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्क को पेशा माना है। कोर्ट ने कहा है कि वेश्यावृत्ति भी एक प्रोफेशन है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया है कि सेक्स वर्कर्स के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

Deepak Vyas Edited by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: May 27, 2022 10:36 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Supreme Court

Highlights

  • वेश्यालय चलाना गैरकानूनी: सुप्रीम कोर्ट
  • सेक्स वर्कर्स के साथ संवेदनशीलता से पेश आए पुलिस
  • हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार: कोर्ट

Supreme Court on Sex Workers: सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्क को पेशा माना है। कोर्ट ने कहा है कि वेश्यावृत्ति भी एक प्रोफेशन है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया है कि सेक्स वर्कर्स के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। SC ने कहा है कि पुलिस को सहमति से सेक्स करने वाली महिलाओं और पुरुषों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'सेक्स वर्कर भी कानून के तहत गरिमा और समान सुरक्षा के हकदार हैं।' जस्टिस एल नागेश्वर राव वाली बेंच ने सेक्स वर्कर के ताल्लुक से 6 निर्देश देते हुए कहा कि सेक्स वर्कर कानून के समान संरक्षण के हकदार हैं। 

वेश्यालय चलाना गैरकानूनी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा,सेक्स वर्कर्स भी देश के नागरिक हैं। वे भी कानून में समान संरक्षण के हकदार हैं। बेंच ने कहा, इस देश के हर नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिला है। अगर पुलिस को किसी वजह से उनके घर पर छापेमारी करनी भी पड़ती है तो सेक्स वर्कर्स को गिरफ्तार या परेशान न करे। अपनी मर्जी से प्रॉस्टीट्यूट बनना अवैध नहीं है, सिर्फ वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है। कोर्ट ने कहा कि महिला सेक्स वर्कर है, सिर्फ इसलिए उसके बच्चे को मां से अलग नहीं किया जा सकता। अगर बच्चा वेश्यालय या सेक्स वर्कर के साथ रहता है इससे यह साबित नहीं होता कि वह बच्चा तस्करी कर लाया गया है।

सेक्स वर्कर्स के साथ संवेदनशीलता से पेश आए पुलिस

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर सेक्स वर्कर के साथ कोई भी अपराध होता है तो तुरंत उसे मदद उपलब्ध कराएं, उसके साथ यौन उत्पीड़न होता है, तो उसे कानून के तहत तुरंत मेडिकल सहायता सहित वो सभी सुविधाएं मिलें जो यौन पीड़ित किसी भी महिला को मिलती हैं। कई मामलों में यह देखा गया है कि पुलिस सेक्स वर्कर्स के प्रति क्रूर और हिंसक रवैया अपनाती है। ऐसे में पुलिस और एजेंसियों को भी सेक्स वर्कर के अधिकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

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