लखनऊ: समाजवादी पार्टी की बैठक में मुलायम सिंह ने अखिलेश और शिवपाल को जबरदस्ती गले मिलवाया लेकिन इसके तुरंत बाद शिवपाल और अखिलेश के बीच कहासुनी होने लगी। सीएम अखिलेश यादव ने बहस के दौरान शिवपाल यादव को धक्का दे दिया। दरअसल मीटिंग के दौरान अखिलेश ने कहा कि अमर सिंह ने आशु मलिक के जरिए खबर छपवाकर उन्हें औरंगजेब और नेताजी को शाहजहां बताया था। इस पर मुलायम सिंह ने अखिलेश से कहा कि तुम गलत बोल रहे है। इसके बाद आशु मलिक बचाव के लिए आए लेकिन सीएम ने उन्हें धक्का दे दिया और जब जब शिवपाल यादव बीच बचाव के लिए आए तो उनको भी सीएम धक्का देकर निकल गए। (समाजवादी पार्टी में कलह के बीच सुर्खियां बटोरने वाली 'साधना गुप्ता' कौन हैं?)
इसे भी पढ़ें: मुलायम ने बेटे अखिलेश से कहा, 'PM नरेंद्र मोदी से सीखें यह बात'
सपा कार्यालय के भीतर हुई बैठक को संबोधित करते हुए मुलायम ने कहा,"पार्टी को खड़ा करने में काफी पसीना बहाया है। लाठियां खाई हैं। आपातकाल के दौरान जेल गया हूं। आज ये लोग जो उछल रहे हैं, वे एक लाठी भी नही सह पाएंगे।" सपा मुखिया ने कहा कि आलोचनाओं से सबक लेना चाहिए। जिसकी सोच बड़ी नही होगी वह कभी बड़ा नेता नहीं बन सकता।
ये भी पढ़ें:
बड़ा सवाल क्या मुलायम सिंह का फैसला सपा को टूटने से बचा पाएगा?
‘आसुरी शक्तियों से घिरे हैं नेताजी, 'धर्मयुद्ध' में अखिलेश के साथ हूं’
मुलायम ने अखिलेश को लगाई फटकार, अमर सिंह को बताया अपना भाई
महाबैठक में भावुक हुए अखिलेश, इस्तीफे की पेशकश
उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव ने जनता के बीच काफी काम किया है। वह सच्चे मायने में जनता के नेता हैं। उनको सही बात मालूम है। कुछ लोग आलोचनाओं से गुस्से में आ जाते हैं लेकिन उन्हें आलोचनाओं को स्वीकार करना चाहिए। शिवपाल के बाद मुलायम सिंह यादव भी अमर सिंह के समर्थन में आ गए। उन्होंने अखिलेश यादव को फटकार लगाते हुए अमर को अपना भाई बताया।
लाईव अपडेट
- पार्टी मुख्यालय में सपा की बैठक शुरू, मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और बड़े नेता, सांसद, विधायक शामिल।
- मीटिंग में मुलायम सिंह यादव ने बोलना शुरु किया।
- हमारे परिवार में इस मतभेद से मुझे बहुत दुख हो रहा हैः मुलायम सिंह यादव
- मैं 13 साल की उम्र में पहली बार जेल गया। गलियों में लोहिया जी के पक्ष में नारे लगाए जा रहे थे। ऐसी लाठी चली कि सांप की तरह पीठ हो गई थी।
- आज जो उछल रहे हैं, एक लाठी मार दें तो पता नहीं चलेगा। हम जानते हैं कि कितनी कठिन लड़ाई है।
- मैंने आपको बुलाया है। पार्टी के लिए बहुत मेहनत करनी है। जो आलोचना नहीं सुन सकता वो बाहर जाए। नारेबाज़ी अच्छी नहीं है।
- नौजवानों को मैंने आगे किया, युवाओं को टिकट दिया। संकट के वक्त ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं। जो अपनी आलोचना नहीं सुन सकता, वो नेता नहीं बन सकता।
- कमजोरियों से लड़ने की बजाए हम आपस में ही लड़ रहे हैं। कुछ नेता चापलूसी में लगे हुए हैं।
- पद मिलते ही दिमाग खराब हो गया है
- शिवपाल यादव ने अपने सम्बोधन मे अखिलेश का नाम नहीं लिया।
- अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी
- अखिलेश के जन्म के समय से ही मैने नेता जी के साथ काम करना शुरु कर दिया था।
- मैं अपने बेटे और गंगा जल की कसम खाकर कहता हूं कि मेरे साथ हुई बैठक में अखिलेश ने कहा था कि वह नई पार्टी बनाएंगेः शिवपाल यादव
- शिवपाल यादव ने पूछा, 'क्या हमारे मंत्रालय में अच्छा काम नहीं हुआ, क्या मेरा कोई योगदान नहीं है?
- शिवपाल ने कहा कि नेताजी यूपी का नेतृत्व आपको संभालने की ज़रूरत
- जब ये अध्यक्ष थे तो हमारे किसी आदमी को नही रखा
- शिवपाल ने कहा कि अमर सिंह से संपर्क में रहते कार्यक्रताओ से कहा क़ि तुमलोग उनके पैर की धूल भी नहीं
- अखिलेश ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया- मुझे नेताजी और शिवपाल जी के सामने बोलने का मौका दीजिए क्योंकि बहुत लोग हमारे बीच संदेह पैदा करना चाहते हैं। जो बात सुनना नहीं चाहते वो चले जाएं।
- लोग कह रहे हैं कि कि नई पार्टी बनाई जाएगी, कौन नई पार्टी बना रहा है? मैं नहीं बना रहाः अखिलेश यादव
- बोलते हुए भावुक हुए अखिलेश यादव। कहा, नेताजी चाहें तो मुझे पार्टी से निकाल सकते हैं।
- मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव सपा दफ्तर पहुंचे। थोड़ी देर में शुरू होगी बैठक।
- रामगोपाल बोले, अखिलेश खुद एक पार्टी, उन्हें नई पार्टी बनाने की जरूरत नहीं।
- शिवपाल ने समाजवादी समर्थकों से कहा है कि केवल एक ही नारा लगेगा 'मुलायम जिंदाबाद'। अखिलेश समर्थकों की नारेबाजी से शिवपाल नाराज, बोले- गुंडई नहीं करने दी जाएगी।
- अखिलेश और शिवपाल समर्थकों के बीच नारेबाजी के बाद मारपीट। दफ्तर के बाहर भारी हंगामा।
- सपा दफ्तर के बाहर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्कामुक्की। दफ्तर के बाहर शिवपाल समर्थकों की नारेबाजी।