Saturday, April 27, 2024
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जिसे मोदी ने कांग्रेस के पाप का परिणाम कहा था, वही मनरेगा काम आ रहा है: कांग्रेस

कांग्रेस नेता कमलेश्वर पटेल ने मंगलवार को कहा कि जिस मनरेगा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गड्ढा खोदने वाली एवं कांग्रेस के पाप का कहा था, आज वही योजना कोविड-19 लॉकडाउन में समूचे देश में लाखों लोगों को रोजगार देने के काम आ रही है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: May 26, 2020 18:37 IST
जिसे मोदी ने कांग्रेस...- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE जिसे मोदी ने कांग्रेस के पाप का परिणाम कहा था, वही मनरेगा काम आ रहा है: कांग्रेस

भोपाल: कांग्रेस नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने मंगलवार को कहा कि जिस महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गड्ढा खोदने वाली एवं कांग्रेस के पाप का कहा था, आज वही योजना कोविड-19 लॉकडाउन में समूचे देश में लाखों लोगों को रोजगार देने के काम आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना भी इस महामारी में संजीवनी के रूप में काम कर रही है।

पटेल का कहना है कि यदि ये दोनों योजनाएं कांग्रेस ने चालू नहीं की होती, तो कोविड-19 लॉकडाउन में गरीब एवं मजदूरों को न तो रोजगार मिलता और न ही खाद्यान्न मिलता। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यहां संवाददाताओं से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदीजी को मनरेगा को कोसने को बंद करना चाहिए।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में करीब 22,000 मजदूरों को मनरेगा में रोजगार देने के दावे का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा, ''शिवराज को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी देनी चाहिए कि जिस योजना को उन्होंने कांग्रेस के पाप का परिणाम कहा था, उससे मध्यप्रदेश में आज लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है।'' उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत तत्कालीन केन्द्र सरकार ने फरवरी 2006 में मनरेगा शुरू की थी और कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने में आज यह योजना समूचे देश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

मध्यप्रदेश के पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पटेल ने मोदी पर तंज कसा, ''मुझे नहीं लगता कि मोदी को यह बात समझ में आई है कि यह योजना इतनी लाभदायक है।'' उन्होंने केन्द्र सरकार से मनरेगा एक्ट में संशोधन कर मजदूरों को साल में 100 दिन से बढ़ाकर न्यूनतम 200 दिन काम देने और उनकी दिहाड़ी कम से कम 400 रूपये करने की मांग की। मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव :पंचायत एवं ग्रामीण विकास: मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक जरूरतमंद को रोजगार मुहैया कराने के मुख्यमंत्री के संकल्प के तहत राज्य में 99 प्रतिशत से अधिक ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत रोजगार मूलक कार्य करवाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में औसतन नौ कार्य चल रहे हैं जिनमें औसत रूप से 100 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार मध्यप्रदेश की 22,809 ग्राम पंचायतों में से 22,484 में 1,86,012 रोजगार मूलक कार्य चल रहे हैं, इनमें 22.44 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। उनमें अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासी श्रमिकों की संख्या लगभग साढे़ तीन लाख हैं।

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