Friday, April 26, 2024
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CAA लागू करने से कोई राज्य इनकार नहीं कर सकता, ऐसा करना असंवैधानिक: कपिल सिब्बल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 19, 2020 9:57 IST
Kapil Sibal, Kapil Sibal CAA, No state can deny implementation of CAA- India TV Hindi
No state can deny implementation of Citizenship Act, it's unconstitutional, says Kapil Sibal | PTI File

कोझिकोड: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता। सिब्बल ने कहा कि ऐसा करना असंवैधानिक होगा। पूर्व कानून एवं न्याय मंत्री ने केरल साहित्य उत्सव के तीसरे दिन कहा, ‘जब CAA पारित हो चुका है तो कोई भी राज्य यह नहीं कह सकता कि मैं उसे लागू नहीं करूंगा। यह संभव नहीं है और असंवैधानिक है।’

‘आप कानून का विरोध कर सकते हैं लेकिन...’

सिब्बल ने कहा, ‘आप उसका विरोध कर सकते हैं, विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और केंद्र सरकार से (कानून) वापस लेने की मांग कर सकते हैं। लेकिन संवैधानिक रूप से यह कहना कि मैं इसे लागू नहीं करूंगा, अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है।’ केरल सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने CAA के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) का विरोध किया है।

NRC, NPR पर आधारित है और...: कपिल सिब्बल
वरिष्ठ वकील और नेता कपिल सिब्बल ने समझाया कि जब राज्य यह कहते हैं कि वह CAA को लागू नहीं करेंगे तो उनका क्या मंतव्य होता है और वह ऐसा कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यों का कहना है कि वे राज्य के अधिकारियों को भारत संघ के साथ सहयोग नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा, ‘NRC, NPR पर आधारित है और NPR को स्थानीय रजिस्ट्रार लागू करेंगे। अब गणना जिस समुदाय में होनी है वहां से स्थानीय रजिस्ट्रार नियुक्त किए जाने हैं और वे राज्य स्तर के अधिकारी होंगे।’

‘सीएए का विरोध नेता और भारत के लोगों के बीच की लड़ाई’
सिब्बल ने कहा कि व्यावहारिक तौर पर ऐसा कैसे संभव है, यह उन्हें नहीं पता लेकिन संवैधानिक रूप से किसी राज्य सरकार द्वारा यह कहना बहुत कठिन है कि वह संसद द्वारा पारित कानून लागू नहीं करेगी। सीएए के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन को ‘नेता’ और ‘भारत के लोगों’ के बीच लड़ाई करार देते हुए 71 वर्षीय नेता ने कहा कि भगवान का शुक्र है कि देश के ‘छात्र, गरीब और मध्य वर्ग’ आंदोलन को आगे ले जा रहे हैं, न कि कोई राजनीतिक दल। (भाषा)

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