Friday, April 19, 2024
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पूर्व पीएम वाजपेयी के निधन से शोकाकुल शाहनवाज हुसैन ने कहा, 'मैंने अपना अभिभावक, गुरु और मार्गदर्शक खो दिया'

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा - आज मैंने अपना अभिभावक, गुरु, मार्गदर्शक खो दिया। शाहनवाज ने कहा - 'उनके हृदय की विशालता, उनकी आत्मीयता, उनके स्नेह का हर कोई कायल था।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 16, 2018 23:28 IST
Shahnawaz Hussain- India TV Hindi
Shahnawaz Hussain

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पूरे देश में शोक छाया हुआ है वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा - आज मैंने अपना अभिभावक, गुरु, मार्गदर्शक खो दिया। शाहनवाज ने कहा - 'उनके हृदय की विशालता, उनकी आत्मीयता, उनके स्नेह का हर कोई कायल था। अटलजी महान नेता थे, बेहतरीन कवि, लेखक और वक्ता थे... और इससे भी ज्यादा वो बहुत ही अच्छे इंसान थे।' शाहनवाज हुसैन ने कहा कि देश में उनकी कमी की भरपाई शायद ही कभी हो पाए। उनकी शख्सियत इतनी बड़ी थी कि विरोधी भी उन्हें प्यार से अपनाते थे और उनकी बातों का अदब करते थे। मेरे लिए तो अटलजी सबकुछ थे। पार्टी के एक छोटे से कार्यकर्ता को उन्होंने इतना कुछ दे दिया, इसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। 

सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अटलजी ने मुझे 30 साल की उम्र में अपने मंत्रिमंडल में जगह दी। फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय, खेल और युवा कार्य मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री रहने के कुछ महीनों बाद ही उन्होंने मुझे स्वतंत्र प्रभार के साथ कोयला मंत्री बना दिया। और कोयला मंत्रालय में मेरे अच्छे काम से प्रभावित होकर 32 साल की उम्र में मुझे कैबिनेट मंत्री बनाया औऱ नागरिक उड्डयन मंत्रालय का प्रभार दिया। 

शाहनवाज के मुताबिक वाकई ये मेरी खुशकिस्मती थी कि मुझे अटलजी जैसे महान जननायक का सानिध्य मिला और शुरू से लेकर आखिर तक मैं उनके आशीर्वाद का पात्र रहा। शाहनवाज ने कहा अटलजी के साथ मेरी कई बेहतरीन यादें जुड़ी हैं। मेरी इफ्तार पार्टी का चेहरा हुआ करते थे अटलजी। मैंने इफ्तार की जितनी भी दावतें दी, अटलजी ने सबमें दिल से शिरकत की और मेहमानों के साथ, मेरे परिवार और क्षेत्र के लोगों के साथ हर बार अच्छा खासा वक्त बिताया।

सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि 2006 में भागलपुर उपचुनाव में उतरने से पहले भी उन्होंने मुझे दिल से आशीर्वाद दिया था। उन्होंने एक बेहद भावुक चिट्ठी मेरे लिए भागलपुर के लोगों के नाम लिखी थी और चुनाव जीतकर जब मैं उनसे मिलने दिल्ली गया तो वो ऐसे खुश हुए, जैसे कोई पिता खुश होता है। उन्होंने अपने हाथों से मुझे लड्डू खिलाया और भागलपुर की जनता का सेवा करने का आशीर्वाद दिया।

अटलजी 1951 से लेकर 2005 तक आज़ाद हिन्दुस्तान की सक्रिय राजनीति का हिस्सा रहे। इस दौरान वो 10 बार लोकसभा सांसद चुने गए और 2 बार राज्यसभा सांसद। 1996, 1998 और 1999 में प्रधानमंत्री पद की शपथ से पहले वो 1977 में मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री भी थे। शाहनवाज़  हुसैन ने कहा आज़ाद हिन्दुस्तान ने अब तक जितना भी सफर तय किया है, उन सबके गवाह थे अटलजी। अटलजी का जाना देश के लिए, पार्टी के लिए और मेरे लिए अपूरणीय क्षति है। 

शाहनवाज के मुताबिक राष्ट्र निर्माण में भी अटलजी के योगदान को भूलना नामुमकिन है। पोरखण में परमाणु परीक्षण कर अटलजी की सरकार ने दुनिया को हिन्दुस्तान का दमखम दिखाया तो करगिल में विजय पताका लहराकर देशवासियों का मनोबल बढ़ाया। 1999 से 2004 तक केंद्र में अटलजी की सरकार ने देश निर्माण को नई दिशा दी। अटलजी की स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना कितनी कारगर योजना थी, आज पूरा देश उसे देख रहा है और इसका लाभ उठा रहा है। 

अटलजी विकास से देश वासियों का दिल जीतना जानते थे तो वाणी-बोली से अपनी पार्टी के लोगों और विरोधियों का। अटलजी अब हम सबको छोड़कर चले गए हैं लेकिन उनकी असंख्य यादें हमेशा हमें ऊर्जा देती रहेंगी, वो हमारे प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। महान नेता और देशरत्न अटलजी को दिल से श्रद्धांजलि।

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