Sunday, May 05, 2024
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अरुणाचल पश्चिम में किरेन रिजिजू Vs नबाम तुकी: केंद्रीय मंत्री और पूर्व CM में से कौन मारेगा बाजी?

Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: पूर्वोत्तर क्षेत्र में भाजपा के प्रमुख नेताओं में से एक किरेन रिजिजू ने 2019 के चुनाव में लगातार दूसरी बार सीट जीती थी और कांग्रेस उम्मीदवार नबाम तुकी को हराया था। इस बार फिर किरेन रिजिजू के सामने उनके मुख्य प्रतिद्वंदी नबाम तुकी ही हैं।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: April 25, 2024 14:55 IST
kiren rijiju and nabam tuki- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO किरेन रिजिजू और नबाम तुकी

देश में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को संपन्न हो गया है। इसमें अरुणाचल पश्चिम से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की किस्मत भी दांव पर लगी थी। अरुणाचल प्रदेश की अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट भारत की चुनावी राजनीति में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखती है। अरुणाचल पश्चिम की जनसांख्यिकी विविधताओं से भरी है और चुनावी नजरिए से यह अरुणाचल प्रदेश के लोक सभा क्षेत्रों में रोचक और अहम है। इस सीट पर किरेन रिजिजू को कांग्रेस की अरुणाचल प्रदेश इकाई के प्रमुख नबाम तुकी चुनौती दे रहे हैं।

2019 के लोकभा चुनाव में रिजिजू से हार का सामना करने वाले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी अपने जीत की प्रति आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि लोग बदलाव चाहते हैं और रिजिजू के प्रति जनता नजरिया बदल रहा है। वह सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं।

साल 2014 और 2019 के चुनाव के नतीजे क्या थे?

साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने किरेन रिजिजू को उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने कांग्रेस के तकम संजय को 41,738 वोटों के अंतर से हराया था। किरेन रिजिजू को 169,367 वोट मिले थे जबकि तकम संजय को 127,629 को वोट मिले थे।

इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वोत्तर क्षेत्र में भाजपा के प्रमुख नेताओं में से एक रिजिजू ने 174,843 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्हें 62.00 % वोट शेयर के साथ 225,796 वोट मिले थे। रिजिजू ने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नबाम तुकी को हराया था, जिन्हें 50,953 वोट (14.00 %) मिले थे।

जानिए किरेन रिजिजू के बारे में

किरेन रिजिजू का जन्म 19 नवंबर 1971 को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में रिनचिन खारू और चिरई रिजिजू के घर हुआ था। उनके पिता अरुणाचल प्रदेश की पहली विधानसभा के सदस्यों को शपथ दिलाने वाले पहले प्रो-टर्म स्पीकर थे। किरेन रिजिजू ने अपने छात्र जीवन से ही सार्वजनिक मामलों में हरी रुचि दिखाई। 2002 में जब वह 31 साल के थे तब उन्हें खादी और ग्रोमद्योग आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था।

वह पहली बार 2004 में अरुणाचल पश्चिम संसदीय क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के लिए चुने गए, लेकिन 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार तकम संजय से चुनावी लड़ाई हार गए थे। 53 वर्षीय नेता को 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए फिर से चुना गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया। न्यीशी जनजाति से ताल्लुक रखने वाले रिजिजू को 2019 में उसी अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के लिए चुना गया और उन्हें युवा मामलों और खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और अल्पसंख्यक मामलों का राज्यमंत्री नियुक्त किया गया। जुलाई 2021 में कैबिनेट फेरबदल के बाद वह कानून और न्याय मंत्री बने। 18 मई, 2023 को मोदी कैबिनेट में बड़ा बदलाव हुआ। किरेन रिजिजू को कानून मंत्री पद से हटा दिया गया और उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया।

तुकी को जीत का भरोसा

पूर्व मुख्यमंत्री तुकी अभी पापुमपारे जिले में सगली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं तथा वह लगातार छह बार से निर्वाचित होते रहे हैं। साल 2019 में रिजिजू से अरुणाचल पश्चिम सीट पर हारने वाले तुकी ने मतदाताओं के बीच बदलाव की बढ़ती इच्छा का हवाला देते हुए इस बार जीत का विश्वास जताया है। तुकी ने ये भी कहा, ''लोग बदलाव चाहते हैं और रिजिजू के लिए जनता का नजरिया बदल रहा है। वह सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं। मेरा ध्यान रोजगार सृजन पर केंद्रित रहेगा।''

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