Tuesday, May 07, 2024
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नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया

देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गौतम बुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 14, 2021 18:59 IST
नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया

नोएडा। देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गौतम बुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश कैडर वर्ष 1995 बैच के भारत के तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में शुमार गौतमबुद्धनगर के प्रथम पुलिस कमिश्रर आलोक सिंह को स्वतंत्रता दिवस 2021 के अवसर पर पुलिस विभाग में विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है। 

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1995 बैच के अधिकारी सिंह उत्तर प्रदेश के उन चार अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें यह पदक मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि इस साल देश भर में 88 अधिकारियों को यह पदक दिया जाएगा। आलोक सिंह (54) इससे पूर्व कानपुर व मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रह चुके हैं। उन्हें 26 जनवरी 2021 को गृह मंत्री का उत्कृष्ट सेवा पदक, वर्ष 2017 में डीजीपी सिल्वर डिस्क, वर्ष 2019 में गोल्ड डिस्क, वर्ष 2021 में प्लैटिनम डिस्क से भी सम्मानित किया जा चुका है।

आलोक सिंह ने इटली और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पुलिस ट्रेनिंग ली

आलोक सिंह द्वारा इटली और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पुलिस ट्रेनिंग ली गई है। वह वर्ष 2014 से वर्ष 2017 तक एयर इंडिया में सुरक्षा निदेशक के पद पर रह चुके हैं। जनपद अलीगढ़ के मूल निवासी आलोक सिंह की बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक पहली तैनाती सहारनपुर जनपद में हुई थी। वहां पर उन्होंने सरसावा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान उनको गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने कहा कि सोनभद्र जिले में नक्सल क्षेत्रों में उन्होंने अदम्य साहस व नेतृत्व कौशल का परिचय देते हुए तीन नक्सलियों को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी तथा पीएसी के जवानों से लूटी गई राइफल भी इस दौरान बरामद की गई थी।

आलोक सिंह की बतौर एएसपी पहली तैनाती सहारनपुर में हुयी थी 

बता दें कि, आलोक सिंह कानपुर व मेरठ रेंज के आईजी भी रह चुके है, इन्हे 26 जनवरी 2021 को गृहमंत्री का उत्कृष्ट सेवा पदक, वर्ष 2017 में डीजीपी सिल्वर डिस्क, वर्ष 2019 में गोल्ड डिस्क, वर्ष 2021 में प्लेटिनम डिस्क से भी सम्मानित किया जा चुका है। आलोक सिंह द्वारा इटली और कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पुलिस ट्रेनिंग भी ली है व आगरा यूनिवर्सिटी तथा इटली से Intervention in disturbed societies तथा मसूरी एकेडमी से आपदा प्रंबन्धन के लिये State Resource Person के रूप में कार्य किया है व एयर इंडिया में वर्ष 2014 से वर्ष 2017 तक सुरक्षा निदेशक भी रह चुके हैं। जनपद अलीगढ़ के मूल निवासी आलोक सिंह की बतौर एएसपी पहली तैनाती सहारनपुर में हुयी थी जहां पर सरसावा में आंतकियों से मुठभेड के दौरान उन्होने आतंकियों को पकड़ा था उस मुठभेड में एक निरीक्षक गोली लगने से घायल हो गये थे। इसके अलावा सोनभद्र जिले में नक्सल क्षेत्रों में असाधारण क्षमता व साहस का परिचय देते हुये 03 नक्सलियों को मार गिराया था तथा पीएसी के जवानों से लूटी हुयी राइफलें भी बरामद की गयी थी। 

ड्रग्स माफियाओं पर नकेल कसी

आलोक कुमार ने एसएसपी कानपुर रहते हुए आतंक का पर्याय बन चुके बावरिया गैंग का सफाया किया, बाराबंकी में तैनाती के दौरान नशे का कारोबार करने वाले ड्रग्स माफियाओं पर नकेल कसी, मेरठ में तैनाती के दौरान 03 मर्डर के आरोपी हाजी इजलाल की करोडो की सम्पत्ति कुर्क की गयी। इन्ही साहसी कार्यों के लिये आलोक सिंह पुलिस कमिश्रर गौतमबुद्धनगर को राष्ट्रपति द्वारा द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका है। आलोक सिंह कौशाम्बी, बागपत, बस्ती, सोनभद्र, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, बिजनौर, कानपुर, मेरठ के कप्तान रह चुके हैं। इसके अलावा वह लखनऊ में सहायक पुलिस अधीक्षक होते हुए सीओ अलीगंज रहे थे तथा पीएसी की 32 वीं बटालियन व 35 वी बटालियन में वह सेनानायक भी रहे हैं।

लॉकडाउन के दौरान गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया

पुलिस कमिश्रर आलोक सिंह ने बड़ी से बड़ी विपत्तियों का साहसिक और सूझबूझ से हर चुनौती का मुकाबला किया है। वर्ष 2019 में अयोध्या जैसे संवेदनशील मुद्दे के मामले में फैसला आने के समय मेरठ में आइजी रहते हुये उन्होने दोनो पक्षों में सामंजस्य बनाये रखते हुये शान्ति व्यवस्था कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। पुलिस कमिश्रर आलोक सिंह चुनौतियों से घबराना नही बल्कि उनसे बखूबी निपटना जानते है। उन्हे गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्रर रहते हुये 02 माह ही हुये थे कि सम्पूर्ण देश को कोरोना महामारी ने अपने चपेट में ले लिया, जिससे देश में लॉकडाउन लगाया गया। इस गम्भीर परिस्थिति में भी श्री आलोक सिंह द्वारा जनपद वासियों को हर सम्भव मदद उपलब्ध कराई गयी। उनके द्वारा लॉकडाउन के कारण अपना रोजगार खो चुके, दैनिक मजदूरों व गरीब तबके के लोगों को भोजन के पैकेट रोजाना उपलब्ध कराये गये, इसके लिए उन्होने पीसीआर, डायल 112 व अन्य पुलिस के वाहनों व पुलिस बल को इस कार्य में लगाया, जिसके परिणामस्वरूप कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति भूखा नही सोया। 

हेल्पलाइन नम्बर जारी कर की लोगों की मदद

आलोक सिंह द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों व अन्य जरूरतमंद लोगों के लिए भी हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया था जिस पर सम्पर्क कर कोई भी व्यक्ति किसी भी समय मेंडिकल सम्बन्धी, यातायात सम्बन्धी या अन्य कोई भी पुलिस सहायता 24 घंटे ले सकता था। इस हेल्पलाइन नम्बर की मदद  जनपद गौतमबुद्धनगर के अलावा अन्य राज्यो व जनपदों के लोगों द्वारा भी ली गयी, उनके द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था करते हुए ट्रेन व बसो द्वारा लोगों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाया गया। कोरोना संक्रमण कि दूसरी लहर के समय पुलिस कमिश्रर आलोक सिंह द्वारा लोगों तक हेल्पलाइन के जरिए ऑक्सिजन, दवाईयां व अन्य राहत सामग्री मात्र एक फोन कॉल पर उनके द्वार तक पहुंचायी गयी। लाकडाउन के दौरान कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित होने तथा निधन हो जाने पर पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गयी। 

पुलिसकर्मियों का बढ़ाया मनोबल

पुलिस कमिश्रर आलोक सिंह ने कोरोना वारियर्स पुलिसकर्मियों व उनके परिवार के लिए विशेष टीकारण कैम्प व कोविड अस्पताल की भी व्यवस्था की, जिसके परिणामस्वरूप कोविड फ्रंटलाइन वारियर्स पुलिसकर्मियों का समय से वैक्सीनेशन हुआ व पुलिस परिवार कोरोना महामारी की चपेट में आने से बच गया। उन्होंने पुलिस बल का मनोबल बढ़ाने के लिए डयूटी पर कार्यरत पुलिसकर्मियों के लिए भोजन, मास्क, सैनेटाइजर व फेस शील्ड आदि की व्यवस्था की तथा समय-समय पर पुलिसकर्मियों के लिए कोविड टेस्टिंग कैम्प का भी आयोजन कराया। पुलिस कमिश्रर आलोक सिंह ने जनपद गौतमबुद्धनगर की कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाने के लिए भी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को चिन्हित करके उनके विरूद्ध गैंगस्टर व कुर्की की कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है। पुलिस कमिश्रर आलोक सिंह के निर्देशन में जनपद गौतमबुद्धनगर में ना सिर्फ अपराध का ग्राफ गिरा है बल्कि नागरिकों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है।

इन पुलिसकर्मियों को भी मिला सम्मान

इसके अलावा यूपी पुलिस के कुछ अधिकारियों को 'उत्कृष्ट जांच के लिए केंद्रीय गृहमंत्री मेडल-2021' से भी सम्मानित किया गया है। जिसमें एसीपी लखनऊ श्वेता श्रीवास्तव, सीओ खीरी संजय नाथ तिवारी, हाथरस इंस्पेक्टर नाता रानी, सहारनपुर के इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिंह, आजमगढ़ के इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्रा, जालौन के इंस्पेक्टर अशोक कुमार, बहराइच के इंस्पेक्टर राम प्रकाश यादव, चित्रकूट के इंस्पेक्टर अरुण कुमार पाठक, नोएडा के एसआई अनिल कुमार और जौनपुर के एसआई घनश्याम शुक्ला भी शामिल हैं।

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