Saturday, April 20, 2024
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राज्य शिक्षा बोर्ड और पाठ्यक्रम सुधार पर कार्ययोजना तैयार करने के लिये दिल्ली सरकार ने बनाई दो समितियां

दिल्ली सरकार ने बुधवार को अपने खुद के स्कूली शिक्षा बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को गति देते हुए इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के लिये दो समितियों के गठन की घोषणा की।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 16, 2020 12:44 IST
Delhi government set up two committees to prepare action...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Delhi government set up two committees to prepare action plan on state education board and curriculum reform

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बुधवार को अपने खुद के स्कूली शिक्षा बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को गति देते हुए इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के लिये दो समितियों के गठन की घोषणा की। इन दो समितियों – दिल्ली शिक्षा बोर्ड समिति और दिल्ली पाठ्यक्रम सुधार समिति- के सदस्यों ने आगे की योजना तैयार करने के लिये उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की। आप सरकार ने 2020-21 के आम बजट में पाठ्यक्रम सुधार और दिल्ली के लिये नए शिक्षा बोर्ड के गठन की अपनी योजनाओं की घोषणा की थी। दिल्ली के शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा भी संभालने वाले सिसोदिया ने कहा, “हमारे सरकारी विद्यालयों ने 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के नतीजों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।

यह पिछले पांच साल के किये गए काम का प्रतिरूप है।” उन्होंने कहा, “लेकिन 98 प्रतिशत नतीजा पर्याप्त नहीं है, हमें शिक्षा को अगले स्तर तक लेकर जाने केलिये मिलकर काम करना होगा।” दिल्ली राज्य शिक्षा बोर्ड के कार्यढांचे के लिये गठित समिति सीखने के आकलन की श्रेष्ठ वैश्विक पद्धतियों का अध्ययन, मौजूदा आकलन व्यवस्था पर पुनर्विचार करेगी तथा नवोन्मेषी, छात्र-हितैषी आकलन व्यवस्था की योजना बताएगी जिसे नए बोर्ड में अपनाया जाएगा। इस समिति के सदस्यों में आईआईएम अहमदाबाद के संकाय सदस्य अंकुर सरीन, एएसईआर सेंटर की निदेशक वीलिमा वाधवा और एल्कॉन ग्रुप्स ऑफ स्कूल्स के निदेशक अशोक पांडेय समेत कई अन्य लोगों को शामिल किया गया है।

वहीं 14 साल तक की उम्र के बच्चों के लिये नया पाठ्यक्रम तैयार करने केलिये बनाई गई समिति वैश्विक रूप से प्रख्यात पाठ्यक्रमों और सुधारों के श्रेष्ठ तौर-तरीकों का अध्ययन कर यह अनुशंसा देगी कि दिल्ली के लिये सबसे उपयुक्त क्या रहेगा। समिति को मौजूदा पाठ्यक्रम, शैक्षणिक पद्धितयों पर पुनर्विचार के साथ ही दिल्ली सरकार के विद्यालयों में पूर्व-प्राथमिक, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर नवोन्मेषी व छात्र हितैषी पाठ्यक्रम का कार्यढांचा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।

सिसोदिया ने कहा, “मैंने इन समितियों की संयुक्त बैठक बुलाई क्योंकि पाठ्यक्रम और आकलन एक दुसरे से बेहद जुड़े हुए हैं। हमारे पिछले नतीजे दर्शाते हैं कि मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक बदलाव लाकर बीते पांच वर्षों में क्या किया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “लेकिन अब, टीम को शिक्षा व्यवस्था में इस तरह के बदलाव पर विचार करना होगा जो 21वीं सदी की दुनिया की मांग और चुनौतियों के अनुरूप हो।” उप मुख्यमंत्री ने पिछले साल घोषणा की थी कि दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड होगा जो सीबीएसई की जगह नहीं लेगा बल्कि अगली पीढ़ी का बोर्ड होगा जो छात्रों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय अहर्ता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद करेगा।

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