Thursday, March 28, 2024
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विदेशियों के बीच भी काफी फेमस 'गयाजी', पहुंचे पूर्वजों की मोक्ष दिलाने

बिहार का पवित्र स्थान गयाजी की महात्ता सिर्फ भारत में ही नहीं विदेशों में भी है। इन दिनों श्राद्ध पक्ष के कारण भारी मात्रा में विदेशी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहां पर आ रहे है। जानिए इसके बारें में और...

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 09, 2017 11:23 IST
gayaji- India TV Hindi
gayaji

धर्म डेस्क:  मंगलवार से प्रारंभ पितृपक्ष मेला 20 सितंबर को समाप्त होगा। आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष पितृपक्ष या महालया पक्ष कहलाता है। हिंदू धर्म और वैदिक मान्यताओं में पितृ योनि की स्वीति और आस्था के कारण श्राद्ध का प्रचलन है।

ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म कर पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों की सोलह पीढ़ियों की आत्मा को शांति और मुक्ति मिल जाती है। इस मौके पर किया गया श्रा पितृऋण से भी मुक्ति दिलाता है। पितृपक्ष में पिंडदान के लिए प्रसिद्ध गयाजी में इस बार 10 लाख श्रद्घालुओं के आने की संभावना है।

एक ओर जहां आधुनिकता की अंधी दौड़ में आम तौर पर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से लोग दूर हो रहे हैं, वहीं यहां की सनातन परंपरा के आकर्षण ने विदेशियों को भी इस पितृपक्ष में बिहार में मोक्षस्थली माने जाने वाले विष्णु नगरी गया खींच लाया है।

पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान और तर्पण के लिए रूस, स्पेन और जर्मनी से भी लोग यहां पहुंचे हैं। विदेशी पर्यटकों ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए शुक्रवार को मोक्षदायिनी फल्गु नदी में तर्पण अर्पण करने के बाद विष्णुपद के देव घाट पर श्राद्ध कर्म किया और पिंडदान किया।

विदेशी पर्यटक पूर्वजों के पिंडदान और तर्पण के लिए रूस, स्पेन और जर्मनी से 18 विदेशियों का एक जत्था गुरुवार को गया पहुंचा था।

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