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इंदौर में NOTA ने चौंकाया, देश में सबसे ज्यादा वोट लाकर चुनावी नतीजों में दूसरे नंबर पर

स्वच्छता के मामले में लगातार कई सालों से नंबर वन इंदौर सीट पर NOTA को रिकॉर्ड वोट मिले हैं। नोटा दबाने का मतलब है कि वोटर चुनाव में खड़े किसी भी प्रत्याशी को अपने नेता के रूप में नहीं देखना चाहते हैं। इंदौर ने नोटा के मामले में रिकॉर्ड बनाया।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jun 04, 2024 17:30 IST, Updated : Jun 04, 2024 19:49 IST
nota- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंदौर में NOTA ने बनाया रिकॉर्ड

मध्य प्रदेश की सबसे प्रमुख सीटों में से एक इंदौर में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला किसी उम्मीदवार से नहीं, बल्कि नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) से था। यहां भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। शंकर लालवाणी को इंदौर लोकसभा सीट पर 10 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं। यहां दूसरे नंबर पर नोटा है जिसे 2 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं। इसके साथ ही इंदौर में ‘नोटा’ (उपरोक्त में से कोई नहीं) ने बिहार के गोपालगंज का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

गोपालगंज में नोटा को 51 हजार 660 वोट मिले थे। दूसरे क्रम पर पश्चिम चंपारण में 45,609 वोट नोटा को मिले थे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ‘नोटा’ के बटन को सितंबर 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में शामिल किया गया था। इंदौर लोकसभा सीट चर्चाओं में रही है क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस ले लिया था।

लालवाणी ने बनाया जीत का 'महा रिकॉर्ड'

शंकर लालवाणी ने इंदौर लोकसभा सीट से 11,75,092 वोटों के अंतर से विजय प्राप्त की है। लालवाणी को इस बार लोकसभा चुनाव में इंदौर की जनता ने 12 लाख 26 हजार से ज्यादा वोट दिए हैं, वहीं दूसरे नंबर पर नोटा है जिसे 2 लाख 6,224 वोट मिले हैं। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार संजय सोलंकी को 50,000 तो अखिल भारतीय परिवार पार्टी के पवन कुमार को लगभग साढ़े 14 हजार वोट हासिल हुए हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी ने वापस लिया था नामांकन

इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा ने शंकर लालवानी को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया था। उनके खिलाफ कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को मैदान में उतारा, मगर उन्होंने पर्चा वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस के उम्मीदवार द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस की ओर से नोटा का प्रचार किया गया था और इसके लिए एक अभियान भी चलाया गया।

राज्य में 29 लोकसभा सीटें है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 28 तो कांग्रेस ने एक स्थान पर जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा सभी सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। राजनीतिक तौर पर मध्य प्रदेश के लिए आज का बड़ा दिन है। आज कई दिग्गजों के भविष्य का भी फैसला होने वाला है। दो पूर्व मुख्यमंत्री, दो केंद्रीय मंत्री सहित कई दिग्गज चुनाव मैदान में हैं।

विदिशा से 8.20 लाख वोट से जीते शिवराज

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से रिकॉर्ड वोटों से जीत चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रताप भानू शर्मा को बड़े अंतर से हरा दिया। अपनी पुरानी सीट में शिवराज ने 8,20,868 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। इसके अलावा दिग्विजय सिंह राजगढ़ से, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से और फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा खजुराहो से चुनाव लड़ रहे हैं।

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