Tuesday, December 23, 2025
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चंद्रकांत पाटिल ने कहा- बचाव नहीं कर रहा, लेकिन राणे के बयान पर खेद भी नहीं जताऊंगा

चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मैं राणे के बयान का बचाव नहीं कर रहा, लेकिन उसको लेकर खेद भी व्यक्त नहीं करूंगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Aug 24, 2021 12:31 pm IST, Updated : Aug 24, 2021 02:20 pm IST
Chandrakant Patil, Chandrakant Patil Narayan Rane, Uddhav Thackeray- India TV Hindi
Image Source : PTI चंद्रकांत पाटिल ने नारायण राणे के राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने संबंधी कथित बयान से खुद को अलग कर लिया।

मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने संबंधी कथित बयान से खुद को अलग कर लिया, लेकिन साथ ही कहा कि वह मंत्री के बयान पर खेद प्रकट नहीं करेंगे। राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं और इसी संदर्भ में ही मंत्री ने यह विवादित बयान दिया।

पाटिल ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, ‘मैं राणे के बयान का बचाव नहीं कर रहा, लेकिन उसको लेकर खेद भी व्यक्त नहीं करूंगा।’ ऐसी अटकले हैं कि राणे को मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है। खबरों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद नासिक पुलिस कोंकण क्षेत्र के चिपलुन के लिए रवाना हो गई, जहां राणे मौजूद हैं। पाटिल ने इस बात को लेकर हैरानी जताई कि राज्य सरकार किसी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने की योजना कैसे बना सकती है।

पाटिल ने पूछा, ‘क्या कोई प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है? राणे पर उंगली उठाने वाले लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उद्धव ठाकरे द्वारा भड़काऊ भाषण दिए जाने के कई उदाहरण हैं।’ राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे, जो बाद में कांग्रेस में और फिर, 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए।

राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाषण के बीच में वह अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं। मुंबई में बीजेपी के विधायक राम कदम ने केंद्रीय मंत्री का बचाव करते हुए कहा, ‘राणे को उनकी अक्रामकता के लिए पहचाना जाता है। उनके शब्दों के चुनाव को लेकर विचारों में मतभेद हो सकता है।’

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘जन आर्शीवाद यात्रा’ के शुरू होने के बाद से ही ठाकरे नीत महाराष्ट्र सरकार सत्ता का गलत इस्तेमाल कर राणे की रैली में अवरोध उत्पन्न करने की कोशिश कर रही है। विधायक ने एक समाचार चैनल से बातचीत में दावा किया, ‘यह राज्य सरकार की धोखाधड़ी है। राज्य सरकार रैली को मिल रही व्यापक प्रतिक्रिया से डरी हुई है।’ उन्होंने दावा किया कि ठाकरे ने मुख्यमंत्री के तौर पर कई बार विवादित भाषण दिए हैं और भड़ाकाऊ भाषा का इस्तेमाल भी किया है लेकिन इसे अनदेखा कर दिया गया।

रत्नागिरी जिले में राणे की यात्रा में समन्वय करने वाले बीजेपी नेता प्रमोद जाठर ने कहा ‘राणे की भाषा (शिवसेना के संस्थापक) दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की भाषा जैसी है। बहरहाल, जन आशीर्वाद यात्रा जारी रहेगी।’ राणे की टिप्पणी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ‘मुख्यमंत्री आजादी के साल भूल गए, यह अधिक अपमानजनक है। राणे ने तो आम आदमी की भावना जाहिर की थी।’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने दावा किया कि बीजेपी महाराष्ट्र के सद्भावपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही है।

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