Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बजट 2022
  4. Economic Survey 2018-19: वित्‍त मंत्री ने भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का ब्‍लूप्रिंट किया पेश

Economic Survey 2018-19: वित्‍त मंत्री ने भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का ब्‍लूप्रिंट किया पेश

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें 2025 तक हर साल 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करनी होगी।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : July 04, 2019 13:10 IST
Economic Survey unveils blueprint for a $5-trillion India’s economy - India TV Paisa
Photo:ECONOMIC SURVEY UNVEILS B

Economic Survey unveils blueprint for a $5-trillion India’s economy

नई दिल्‍ली। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले आम बजट से पूर्व गुरुवार को लोक सभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 को पेश किया। इस आर्थिक सर्वेक्षण में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लिए ब्‍लूप्रिंट देश के सामने रखा गया है। मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 तक भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य है और इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए हमें 2025 तक निरंतर आर्थिक वृद्धि दर को आठ प्रतिशत पर रखने की जरूरत होगी।

संसद में गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश की गई आर्थिक समीक्षा में आर्थिक वृद्धि के लिए अच्‍छी संभावनाओं की भविष्‍यवाणी की है। समीक्षा कहती है कि वित्त वर्ष 2024-25 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे गए लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए भारत को अपनी वास्‍तविक वृद्धि दर को 8 प्रतिशत पर बनाए रखने की जरूरत होगी। 

समीक्षा में सुझाव दिया गया है कि मांग, नौकरियों, निर्यात की विभिन्‍न आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए इन्‍हें अलग समस्‍याओं के रूप में नहीं, बल्कि एक साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए।

आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 को हिंदी में पूरा पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में पूरे साल वृद्धि दर के निचले स्तर पर रहने के बाद यह अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत है।

आर्थिक समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।  निवेश और खपत में बढ़ोतरी से जीडीपी बढ़ने का अनुमान जताया गया है। वित्त वर्ष 2018-2019 में सर्विस एक्सपोर्ट 14.38 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसमें 0.746 लाख करोड़ की बढ़त हुई है। सर्विस एक्सपोर्ट 2017 के 2 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 3.5 प्रतिशत रहा है।

इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार बना रहेगा। 14 जून तक विदेशी मुद्रा भंडार 42,220 करोड़ डॉलर था। विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ा है। 2018-19 में शुद्ध प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश 14.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एनपीए बढ़ने से बैंकों की बैलेंसशीट पर दबाव है। एनपीए की समस्या सरकारी बैंकों में ज्यादा है। निवेश दर में गिरावट का दौर थमा है। इंडस्ट्री की क्रेडिट ग्रोथ में रफ्तार आई है। 2018 की दूसरी छमाही से क्रेडिट ग्रोथ बढ़ती दिख रही है।

हालांकि एनबीएफसी की लेंडिंग में कमी से ग्रोथ पर असर पड़ा है। एनबीएफसी की लेंडिंग में कमी से ऑटो बिक्री गिरी है लेकिन सीमेंट उत्पादन और स्टील की खपत बढ़ी है। साथ ही कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी ग्रोथ आती दिख रही है। कंस्ट्रक्शन में सुधार से आईआईपी ग्रोथ बेहतर हुई है।

इस सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमेंट, फाइनेंस और सर्विसेंस की ग्रोथ 7.4 प्रतिशत रही है। पिछले 4 साल से एफडीआई निवेश में भी तेजी देखने को मिल रही है। ऑटो, केमिकल्स में एफडीआई निवेश में बढ़त हुई है। एमएसएमई को कर्ज देने की रफ्तार भी बढ़ी है। 2018-19 में भारत उभरते देशों में सबसे आगे रहा है। हालांकि कृषि क्षेत्र में धीमेपन से ग्रोथ पर दबाव देखने को मिला है।

इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 5 साल में देश की औसत जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही है। देश में निवेश की प्रक्रिया में सुधार आया है। Macro Economic आंकड़ों में भी स्थिरता आई है। हालांकि चुनाव की वजह से जनवरी-मार्च की ग्रोथ में धीमापन देखने को मिला। निजी निवेश में सुधार के संकेत मिल रहे है। वित्त वर्ष 2020 में ब्याज दरें अधिक रहने का अनुमान है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Budget News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement