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जौहरियों की हड़ताल: शादी-ब्याह के लिए कामकाज भूमिगत

एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में भले ही ज्वैलर्स की हड़ताल जारी है, लेकिन शादी-ब्याह की मांग पूरी करने के लिए काफी काम भूमिगत होकर किया जा रहा है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: April 10, 2016 10:35 IST
हड़ताल के बावजूद ज्वैलर्स बना रहे हैं ज्वैलरी, शादी-ब्याह की डिमांड को पूरा करने की तैयारी- India TV Paisa
हड़ताल के बावजूद ज्वैलर्स बना रहे हैं ज्वैलरी, शादी-ब्याह की डिमांड को पूरा करने की तैयारी

कोटा। एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में भले ही ज्वैलर्स की हड़ताल जारी है, लेकिन शादी-ब्याह की मांग पूरी करने के लिए शहर में काफी काम भूमिगत होकर किया जा रहा है। गौरतलब है कि देशभर के ज्वैलर्स आज 40वे दिन भी हड़ताल पर है।

एक ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स के मुताबिक, कारीगरों एवं डिजाइनरों के लिए काम की कोई कमी नहीं है। वे शादी-ब्याह के मुहूर्त सवास से पहले ज्वैलरी की भारी मांग पूरी करने के लिए आभूषण बनाने में व्यस्त हैं। हिंदू परंपरा के मुताबिक, सवास को शुभ माना जाता है और हजारों की संख्या में लोग इस दिन परिणय सूत्र में बंधते हैं। उसने कहा कि इस वजह से आभूषण की मांग और कीमत दोनों में ही जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। हालांकि आधिकारिक रूप से एक महीने से अधिक समय से हड़ताल जारी है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, बाजार में बिना सीमा शुल्क के सोने की बिक्री की जा रही है। शटर गिरे हुए हैं, लेकिन संकरी गलियों में स्थित आभूषण विनिर्माण इकाइयों में कारीगर दिन रात काम कर रहे हैं। बूंदी के सर्राफ एसोसिएशन के प्रवक्ता मूजी नुवल ने कहा, हड़ताल के चलते सोने के आभूषण के व्यापार एवं डिजाइनिंग का काम बंद है, लेकिन केवल छोटे कस्बों व गांवों में यह भूमिगत तरीके से चल रहा है। इस बीच, सरकार ने इस मामले का अध्ययन करने के लिए पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहरी की अध्यक्षता में एक उप समिति गठित की है जो इस संबंध में अपने सुझाव देगी।

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