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आमदनी बढ़ी लेकिन पेटीएम को वित्त वर्ष 2018-19 में हुआ 4217 करोड़ का भारी घाटा

मोबाइल ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम को कंसोलिडेटेड आधार पर 4,217 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। इसमें पेटीएम मनी, पेटीएम फाइनेंशियल सर्विसेज, पेटीएम एंटरटेनमेंट सर्विसेज आदि के कारोबार शामिल हैं। डिजिटल पेमेंट वर्ल्ड की दिग्गज पेटीएम पेटीएम की पैरंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2018-19 में 3,959.6 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Published on: September 12, 2019 18:12 IST
paytm- India TV Paisa

paytm

नई दिल्ली। मोबाइल ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम (Paytm) को कंसोलिडेटेड आधार पर 4,217 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। इसमें पेटीएम मनी, पेटीएम फाइनेंशियल सर्विसेज, पेटीएम एंटरटेनमेंट सर्विसेज आदि के कारोबार शामिल हैं। डिजिटल पेमेंट वर्ल्ड की दिग्गज पेटीएम पेटीएम की पैरंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2018-19 में 3,959.6 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ। बीते आलोच्य वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 1,490 करोड़ रुपए का था। कंपनी ने ये आंकड़े अपने शेयरधारधारकों के साथ साझा किए। आपको बता दें कि डिजिटल पेमेंट लीडर पेटीएम को गूगल पे और फोन पे से कड़ी टक्कर मिल रही है।

कंपनी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार बीते वित्त वर्ष में पेटीएम का घाटा 165 फीसदी हो गया है। यह 1,490 करोड़ रुपए से बढ़कर 3,959.6 करोड़ रुपए हो गया है। हालांकि, इस दौरान कंपनी की आमदनी में लगातार इजाफा हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते वित्त-वर्ष 2018-19 में पेटीएम की आमदनी 3,319 करोड़ रही, जो वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 3,229 करोड़ रुपए थी।

एक साल में कंपनी का घाटा दोगुने से बढ़कर ज्यादा पहुंचा 

कंपनी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार इसके एक साल पहले उसे 1,604.34 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। यानी एक साल के भीतर कंपनी का घाटा बढ़कर दोगुने से ज्यादा पहुंच गया। पेटीएम का कहना है कि वह अब पर्सन टू पर्सन पेमेंट्स की बजाय अपने प्लैटफॉर्म से मर्चेंट टु मर्चेंट पेमेंट्स बढ़ाना चाहती है। कंपनी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 के शुरुआती 3 महीनों के दौरान पेटीएम से 1.2 अरब मर्चेंट ट्रांजैक्शन्स हुए, जो 1 करोड़ 40 लाख रीटेल स्टोर्स के जरिए हुए।

आय बढ़ी, लेकिन खर्च भी बहुत ज्यादा बढ़ा
इस दौरान कंपनी की कुल आय 8.2 फीसदी बढ़कर 3,579.67 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। दूसरी तरफ, कंपनी का खर्च दोगुना होकर 7,730.14 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। कंपनी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि ब्रैंड तैयार करने और कारोबारी गतिविधि मजबूत करने के लिए कंपनी को भारी पूंजीगत व्यय करना पड़ा है। कई पूंजीगत और संचालनात्मक खर्चों के लिए हमें भारी राशि लगानी पड़ी जिसकी वजह से वित्त वर्ष के दौरान घाटा हुआ है।

गौरतलब है कि वन97 कम्युनिकेशंस में पेटीएम के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर विजय शेखर शर्मा की हिस्सेदारी 15.7 फीसदी है। शर्मा ने कहा कि भारी घाटे के बावजूद कंपनी अगले दो साल में बाजार से पूंजी उगाहने के लिए आईपीओ लाने पर विचार कर रही है। कंपनी को साल 2018 में अमेरिकी निवेश कंपनी बर्कशायर हैथवे से 30 करोड़ डॉलर की पूंजी मिली थी, इसमें सॉफ्टबैंक और अलीबाबा जैसी विदेशी कंपनियों ने भी निवेश किया है। पेटीएम ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1.2 अरब से ज्यादा व्यापारी लेन-देन दर्ज किया है। इसके अलावा पेटीएम का दावा है कि पी2पी और मनी ट्रांसफर लेन-देन के बूते ऑफलाइन भुगतान में उसने देश में नेतृत्वकारी स्थिति बरकरार रखी है।  

पेटीएम के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगले 2 साल के दौरान हम 3 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। इंडिया डिजिटल पेमेंट्स के इन्फ्लेक्शन पॉइंट पर है और पेटीएम का पूरा फोकस मर्चेंट पेमेंट की समस्याएं सुलझाने और उन्हें वित्तीय सेवाएं मुहैया करवाने पर है। इस दिशा में हम अगले 2 साल में 20,000 करोड़ रुपए निवेश करेंगे।

वन97 कम्युनिकेशंस लि. के स्वामित्व वाली पेटीएम को करीब 1.4 करोड़ खुदरा दुकानों पर स्वीकार किया जाता है और इस क्षेत्र में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 70 फीसदी है। कंपनी ने इस साल घोषणा की थी कि वह अब अपना ध्यान पीयर-टू-पीयर (पी2पी) लेन-देन से हटाकर किराना स्टोरों, रेस्टोरेंटों, कम्यूट और अन्य दैनिक खर्चो में डिजिटल भुगतान के प्रयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित कर रही है। पेटीएम ने कहा कि उसने इसके अलावा यूजर्स को क्यूआर कोड को स्कैन करना सिखाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है, ताकि वे किराना दुकानों पर पेटीएम ऐप से तुरंत भुगतान कर सकें। 

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