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केयर्न मामले में वित्त मंत्रालय की बैकों को चेतावनी वाली खबर को सरकार ने नकारा, कहा फैलाया जा रहा है भ्रम

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 23, 2021 15:35 IST
केयर्न के खिलाफ वित्त...- India TV Paisa
Photo:FILE

केयर्न के खिलाफ वित्त मंत्रालय ने दी चेतावनी, फंस सकते हैं बैंकों के अरबों रुपये

नयी दिल्ली। सरकार ने आज उन खबरों को गलत करार दिया है जिसमें कहा गया है कि वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को आगाह किया है कि वे उनके विदेशों में जमा धन को जब्त करने की ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी द्वारा किसी भी कोशिश के प्रति उच्च सतर्कता रखें।ये खबर सूत्रों के हवाले से आई थी। गौरतलब है कि भारत सरकार के साथ ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी के विवाद में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत का निर्णय केयर्न के पक्ष में गया है। मध्यस्थता अदालत ने कंपनी पर भारत द्वारा पिछली तिथि से प्रभावी कानून संशोधन के माध्यम से लगाए गए कर को निरस्त कर दिया है और सरकार को केयर्न एनर्जी का 1.2 अरब डॉलर की राशि चुकाने का आदेश दिया था।

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 केयर्न ने इससे पहले कहा था कि यदि उसे 1.2 अरब अमरीकी डालर और उस पर ब्याज तथा हर्जाने का भुगतान नहीं किया गया, तो वह विदेश में भारतीय परिसंपत्तियों को जब्त करने के लिए कानूनी कदम उठा सकती है। मध्यस्थता आदेश को लागू करने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में पड़े भारतीय बैंकों की नकदी को आसान लक्ष्य माना जाता है।  

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मध्यस्थता अदालत ने भारत को ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी को 1.2 अरब डॉलर के साथ ब्याज और लागत को लौटाने का आदेश दिया गया है। भारत सरकार का तर्क है कि किसी सरकार द्वारा लगाया गया कर उसके सार्वभौमिक अधिकार क्षेत्र का विषय है जिसे निजी मध्यस्थता अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। केयर्न ने पूर्व में कहा था कि यह फैसला बाध्यकारी है और वह विदेशों में भारतीय संपत्तियों को जब्त कर इसका प्रवर्तन कर सकती है। केयर्न ने 1994 में भारत के तेल एवं गैस क्षेत्र में निवेश किया था। एक दशक बाद कंपनी ने राजस्थान में बड़ा तेल भंडार खोजा था। बीएसई में कंपनी 2006 में सूचीबद्ध हुई थी। 

पांच साल बाद सरकार ने पिछली तारीख के कर कानून के आधार पर केयर्न से पुनर्गठन के लिए 10,247 करोड़ रुपये का कर मय ब्याज और जुर्माना अदा करने को कहा था। केयर्न ने इसे हेग में पंचाट न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी। कंपनी की उसके बाद वित्त मंत्रालय के साथ इस भुगतान के लिए बातचीत चल रही है। कंपनी के अधिकारियों की तत्कालीन राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय के साथ फरवरी में तीन आमने-सामने की बैठकें हुई थीं। बाद में पांडेय के उत्तराधिकारी तरुण बजाज के साथ भी कंपनी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक हो चुकी है।

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