Thursday, March 28, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारतीय कंपनियों ने 2015 में किए 20 अरब डॉलर के विलय-अधिग्रहण सौदे, नवंबर में पी-नोट्स निवेश घटा

भारतीय कंपनियों ने 2015 में किए 20 अरब डॉलर के विलय-अधिग्रहण सौदे, नवंबर में पी-नोट्स निवेश घटा

2015 में भारतीय कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) सौदोंे का आंकड़ा 20 अर डॉलर रहा। पी-नोट्स के जरिये निवेश नवंबर के अंत तक निवेश घटकर 2.54 लाख करोड़ रहा

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: December 25, 2015 16:38 IST
भारतीय कंपनियों ने 2015 में किए 20 अरब डॉलर के विलय-अधिग्रहण सौदे, नवंबर में पी-नोट्स निवेश घटा- India TV Paisa
भारतीय कंपनियों ने 2015 में किए 20 अरब डॉलर के विलय-अधिग्रहण सौदे, नवंबर में पी-नोट्स निवेश घटा

नई दिल्‍ली। भारतीय कंपनियों के बोर्डरूम में इस साल सौदों को लेकर गतिविधियां सुस्त रहीं। 2015 में भारतीय कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) सौदों का आंकड़ा 20 अर डॉलर रहा। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि 2016 में विलय एवं अधिग्रहण बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। वैश्विक परामर्शक कंपनी पीडब्ल्यूसी के अनुसार 2015 में विलय एवं अधिग्रहण सौदों का मूल्य 20 अरब डॉलर रहा, जो 2014 में 33 अरब डॉलर था। इस तरह 2015 में इनमें 40 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। सलाहकार और विश्लेषक 2016 में 30 अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदों की उम्मीद कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि नया दिवालिया कानून, मंजूरियों की रफ्तार में तेजी तथा कई क्षेत्रों-मल्‍टी ब्रांड रिटेल, दूरसंचार, बीमा और रक्षा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों में ढील जैसे देश के नियामकीय ढांचे में बदलाव से विलय एवं अधिग्रहण गतिविधियों को काफी प्रोत्साहन मिल सकता है। पीडब्‍ल्‍यूसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सौदो मेंे कमी की वजह घरेलू सौदों में कमी, कंपनियों के बहीखातोंे की कमजोर स्थिति तथा महंगी विदेशी परिसंपत्तियां आदि रहीं। वर्ष 2014 में घरेलू सौदों का आंकड़ा उल्लेखनीय रूप से काफी ऊंचा यानी 19 अरब डॉलर का रहा था। उस साल सन-रैनबैक्सी और कोटक-आईएनजी वैश्य जैसे बड़े सौदे हुए थे। लेकिन इस साल स्थिति कुछ भिन्न है। घरेलू सौदों का आंकड़ा सिर्फ 7.3 अरब डॉलर का रहा है।

 पी-नोट्स के जरिये निवेश नवंबर में घटकर 2.54 लाख करोड़ रुपए

भारत के पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश नवंबर के अंत तक घटकर 2.54 लाख करोड़ रुपए (करीब 38.6 अरब डॉलर) रह गया। बहुत से संस्थागत विदेशी निवेशक भारत में सीधे निवेश करने के बजाये यहां पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा विदेशों में जारी किए जाने वाले पी-नोट्स के माध्यम से निवेश करते हैं। पी-नोट्स बाजार में पेश किया जाने वाला एक वित्पन्न उत्पाद है और इसे भारतीय पूंजीबाजार में सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के आधार पर जारी किया जाता है।  विदेशी एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स), हेज फंडों एवं अन्य विदेशी संस्थानों में यह लोकप्रिय उत्पाद है। सेबी के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर के अंत तक भारतीय बाजारों (इक्विटी, ऋण और डेरिवेटिव्ज) में पी-नोट्स निवेश का कुल मूल्य घटकर 2,54,600 करोड़ रुपए रहा, जो इससे पिछले महीने 2,58,287 करोड़ रुपए था। इस साल सितंबर में पी-नोट्स के जरिये निवेश 2,53,875 करोड़ रुपए रहा था।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement