लाहौर। पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा देने की उसकी फिलहाल कोई योजना नहीं है। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारत सरकार के साथ शांति वार्ता करने की इच्छा के चलते क्या भारत को एमएफएन स्टेट्स देने पर सरकार विचार कर रही है, प्रधानमंत्री के औद्योगिक एवं निवेश सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है।
मंगलवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत को एमएफएन का दर्जा देने की हमारी कोई योजना नहीं है। हालांकि उन्होंने बताया कि पाकिस्तान अन्य देशों, विशेषकर चीन, के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने की योजना पर काम कर रहा है और उम्मीद है कि चीन के साथ दूसरा मुक्त व्यापार समझौता जून 2019 तक हो जाएगा।
पाकिस्तान ने अभी तक भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया है और उसने 1209 उत्पादों की एक निगेटिव लिस्ट बनाकर रखी है, जिनको भारत से आयात करने की अनुमति नहीं है। विश्व व्यापार संगठन के नियम के मुताबिक, डब्ल्यूटीओ के प्रत्येक सदस्य को दूसरे सदस्य देश को एमएफएन का दर्जा देना जरूरी है।
भारत पहले ही पाकिस्तान सहित सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों को यह दर्जा प्रदान कर चुका है। एमएफएन स्टेट्स के तहत एक डब्ल्यूटीओ सदस्य देश को गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से अन्य व्यापारिक देशों के साथ व्यापार करने के लिए बाध्य किया जाता है, विशेषकर सीमा शुल्क और अन्य शुल्कों के संबंध में। पाकिस्तान ने भी तक भारत को एमएफएन का दर्जा प्रदान नहीं किया है।
पाकिस्तान ने भारत से निर्यात के लिए केवल 137 उत्पादों को ही अनुमति दे रखी है, जो वाघा बॉर्डर के जरिये यहां भेजे जाते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच 2016-17 में द्विपक्षीय व्यापार 2.28 अरब डॉलर का था। भारत प्रमुख रूप से कपास, डाइ, रसायन, सब्जियां और लौह और इस्पात का निर्यात पाकिस्तान को करता है, जबकि पाकिस्तान से फल, सीमेंट, चमड़ा, रसायन और मसाले आयात करता है।