People queue up to purchase onions at subsidized rate, at Krishi Bhawan, in New Delhi, Tuesday,
नई दिल्ली। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि बफर स्टॉक से बिक्री शुरू होने के बाद भी अगर प्याज की खुदरा कीमतें अधिक बनी रहती हैं तो सरकार प्याज कारोबारियों पर स्टॉक लिमिट लगाने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि स्टॉक लिमिट लगाने से पहले सरकार कीमतों पर कुछ समय तक नजर रखेगी क्योंकि उसे किसानों की भी चिंता है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी आश्वासन दिया कि प्याज की कीमतें अगले कुछ दिनों में कम होना शुरू हो जाएंगी। इसके भाव देश के कुछ भागों में इस समय में 70-80 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेफेड जैसी एजेंसियों के माध्यम से प्याज की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है।
महाराष्ट्र जैसे देश के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य में बाढ़ के कारण मंडियों में आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस कारण एक महीने में प्याज में तेजी आई है। पिछले सप्ताह की बारिश ने आपूर्ति को और प्रभावित किया है, जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में प्याज के दाम चढ़ कर 70-80 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए गए हैं।
तोमर ने कहा कि हमारे पास प्याज का पर्याप्त स्टॉक है। सरकार प्याज की स्थिति से अवगत है और वह किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हित में संतुलन कायम करने के उपाय कर रही है। तोमर ने कहा कि कई बार, उपभोक्ताओं को कृषि वस्तुओं के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है, और कई बार किसानों को उनकी उपज के लिए कम कीमत मिलती है। इसमें संतुलन कायम करने में हमारी भूमिका है। हमे इसकी जानकारी है और हम विभिन्न उपाय कर रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी उपक्रम मदर डेयरी पर इसे 23.90 रुपए प्रति किलो के भाव से बेचा जा रहा है। राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे केंद्रीय बफर स्टॉक से अपना स्टॉक उठाकर अपने राज्यों में आपूर्ति को बढ़ाएं। अभी तक दिल्ली, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने इस बारे में रुचि दर्शाई है। केंद्र के पास 56,000 टन प्याज का बफर स्टॉक है, जिसमें से अब तक 16,000 टन को मंडी में लाया जा चुका है।






































