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PMFBY ने पूरे किए पांच साल, सरकार ने किया किसानों से इस योजना का लाभ उठाने का आह्ववान

भारत सरकार ने 5 वर्ष पहले, 13 जनवरी 2016 को देश के किसानों के लिए फसलों के जोखिम कवरेज को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 13, 2021 11:33 IST
PMFBY completes 5 yrs of operation; govt urges farmers to take benefit of scheme- India TV Paisa
Photo:AGRICULTURE INDIA@TWITTER

PMFBY completes 5 yrs of operation; govt urges farmers to take benefit of scheme

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को देश के किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का लाभ उठाने का आह्वान किया है। इस योजना ने 13 जनवरी को अपने परिचालन के पांच साल पूरे कर लिए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने दावा किया है कि 13 जनवरी, 2016 को लॉन्‍च होने के बाद से अबतक इस योजना के तहत किसानों के 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भी लगभ्‍ज्ञग 70 लाख किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया और लाभार्थियों को 8741.30 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।

भारत सरकार ने 5 वर्ष पहले, 13 जनवरी 2016 को देश के किसानों के लिए फसलों के जोखिम कवरेज को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी। देश भर में किसानों को सबसे कम समान प्रीमियम पर एक व्यापक जोखिम समाधान प्रदान करने के लिए एक उल्लेखनीय पहल के रूप में इस योजना की परिकल्पना की गई थी। भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

किसान के हिस्से के अतिरिक्‍त प्रीमियम का खर्च राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है। हालांकि, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में दिलचस्‍पी बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने इस क्षेत्र में 90 प्रतिशत प्रीमियम सहायता साझा की है। पीएमएफबीवाई के तहत औसत बीमित राशि बढ़ाकर 40,700 रुपये कर दी गई है जो पीएमएफबीवाई से पूर्व की योजनाओं के दौरान प्रति हेक्टेयर 15,100 रुपये थी।

किसानों के लिए शुरू से अंत तक जोखिम को कम करने की व्‍यवस्‍था के रूप में, योजना में बुवाई से पूर्व चक्र से लेकर कटाई के बाद तक फसल के पूरे चक्र को शामिल किया गया है, जिसमें रोकी गई बुवाई और फसल के बीच में प्रतिकूल परिस्थितियों से होने वाला नुकसान भी शामिल है। बाढ़, बादल फटने और प्राकृतिक आग जैसे खतरों के कारण होने वाली स्थानीय आपदाओं और कटाई के बाद होने वाले व्यक्तिगत खेती के स्तर पर नुकसान को शामिल किया गया है।

योजना की कुछ प्रमुख विशेषताओं में किसानों का आसानी से नाम लिखने के लिए पीएमएफबीवाई पोर्टल, फसल बीमा मोबाइल ऐप को भूमि रिकॉर्ड से जोड़ना, फसल नुकसान का आकलन करने के लिए सैटेलाइट इमेजरी, रिमोट सेंसिंग टेक्‍नोलॉजी, ड्रोन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल शामिल है। यह योजना फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के होने के 72 घंटों के भीतर किसान के लिए फसल नुकसान की रिपोर्ट करना आसान बनाती है।

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