भारत सरकार ने 5 वर्ष पहले, 13 जनवरी 2016 को देश के किसानों के लिए फसलों के जोखिम कवरेज को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में केवल प्राकृतिक आपदा जैसे कि सूखा पड़ना, ओले पड़ना आदि शामिल है।
सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए इसे किसानों के लिए वैकल्पिक बना दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में मोदी कैबिनेट ने किसानों को बड़ा दिया तोहफा दिया है।
किसानों को समय पर राहत दिलाने और बीमा कंपनियों की मुनाफाखोरी पर रोक लगाने के लिए सरकार अपनी प्रमुख पीएमएफबीवाई में बदलाव कर सकती है।
2019 लोक सभा चुनाव से पहले किसानों के गुस्से को शांत करने के अपने प्रयासों के तहत सरकार ऐसे किसानों को ब्याज में छूट देने पर विचार कर रही है, जो अपना कृषि ऋण समय पर चुकाते हैं।
केंद्र ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के क्रियान्वयन के लिए राज्यों को अपनी बीमा कंपनियों के गठन की अनुमति दे दी है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।
सरकार का जुलाई से शुरू होने वाले 2017-18 के सत्र में कुल 19.44 करोड़ हेक्टेयर बुआई क्षेत्र में से 40 प्रतिशत को बीमा योजनाओं के तहत लाने का लक्ष्य है।
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