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कृषि एवं ग्रामीण कामगारों के लिये राहत, अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर में आई कमी

कृषि क्षेत्र के कामगारों के लिए खुदरा महंगाई दर 2.76 प्रतिशत, ग्रामीण कामगारों के लिए खुदरा महंगाई दर 3.12 प्रतिशत रही है

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: November 18, 2021 19:24 IST
कृषि एवं ग्रामीण...- India TV Paisa
Photo:PTI

कृषि एवं ग्रामीण कामगारों के लिये राहत

Highlights

  • इस महीने सब्जियों एवं फल, गेहूं-आटा, दाल, प्याज, मांस-मछली, सरसों तेल में तेजी रही
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सबसे ज्यादा वृद्धि जम्मू- कश्मीर में, जबकि सबसे ज्यादा गिरावट मणिपुर में रही

नई दिल्ली। कृषि एवं ग्रामीण कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई में सितंबर की तुलना में अक्टूबर में थोड़ी राहत देखी गई। श्रम मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि अक्टूबर में कृषि क्षेत्र के कामगारों के लिए खुदरा मु्द्रास्फीति 2.76 प्रतिशत रही, जबकि सितंबर में यह 2.89 फीसदी थी। इसी तरह ग्रामीण कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर अक्टूबर में 3.12 प्रतिशत रही जो एक महीने पहले 3.16 प्रतिशत पर थी। इस तरह दोनों ही वर्गों के लिए खुदरा महंगाई में अक्टूबर का महीना थोड़ी राहत लेकर आया। अगर अक्टूबर, 2020 से तुलना करें, तो अक्टूबर, 2021 में स्थिति काफी सुधरी है। अक्टूबर, 2020 में कृषि कामगारों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 6.59 प्रतिशत और ग्रामीण कामगारों के लिए 6.45 प्रतिशत रही थी। 

अगर खाद्य महंगाई की बात करें, तो सितंबर की तुलना में अक्टूबर, 2021 में कृषि एवं ग्रामीण कामगारों के लिए यह क्रमशः 0.39 प्रतिशत और 0.59 प्रतिशत रही थी। सितंबर में यह आंकड़ा क्रमशः 0.50 प्रतिशत और 0.70 प्रतिशत था। अक्टूबर में कृषि एवं ग्रामीण कामगारों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 14 अंक की बढ़त के साथ क्रमशः 1081 और 1090 अंक पर पहुंच गया। इसके पीछे खाद्य उत्पादों की बढ़ी कीमतों का हाथ रहा। इस महीने सब्जियों एवं फल, गेहूं-आटा, दाल, प्याज, मांस-मछली, सरसों तेल, चीनी, गुड़ और मिर्च के भाव में तेजी देखी गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सबसे ज्यादा वृद्धि जम्मू- कश्मीर में देखी गई, जबकि सबसे ज्यादा गिरावट मणिपुर में रही। 

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