Tata group to launch India's first CRISPR COVID-19 test
नई दिल्ली। टाटा समूह को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से देश के पहले क्रिस्पर कोविड-19 परीक्षण को वाणिज्यिक रूप से शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। टाटा संस ने एक बयान में इसकी जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि यह जांच सटीक परिणाम देने में पारंपरिक आरटी-पीसीआर परीक्षण के समतुल्य है। इसके अलावा यह सस्ता और कम समय में परिणाम देता है।
इस पद्धति का प्रयोग भविष्य में अन्य महामारियों के परीक्षण में भी किया जा सकेगा। कंपनी ने कहा कि टाटा क्रिस्पर परीक्षण सीएएस9 प्रोटीन का इस्तेमाल करने वाला विश्व का पहला ऐसा परीक्षण है, जो सफलतापूर्वक कोविड-19 महामारी फैलाने वाले वायरस की पहचान कर लेता है।
कंपनी ने कहा कि टाटा ग्रुप एक उच्च गुणवत्ता वाले परीक्षण के लिए सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जेनोमिक्स और इंटरग्रेटिव बायलॉजी एवं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर काम कर रहा है, जो देश को कोविड-19 की जांच शीघ्रता और किफायत के साथ करने में मदद करेगा। यह एक मेड इन इंडिया उत्पाद है जो सुरक्षित, भरोसेमंद, किफायती और आसानी से उपलबध है।
TCS ने अपने कर्मचारियों, परिजनों के लिए 11 पृथकवास केंद्र खोले
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने देश के विभिन्न शहरों में अपने परिसरों में 11 पृथकवास या एकांतवास केंद्र खोले हैं। ये केंद्र मुंबई, इंदौर और नागपुर जैसे शहरों में खोले गए हैं। कंपनी की ओर से अपने कर्मचारियों को भेजे गए ई-मेल में कहा गया है कि मामूली रूप से कोविड-19 संक्रमित कर्मचारी, उनके परिजन (पति-पत्नी, बच्चे, अभिभावक/सास-ससुर) पृथकवास का लाभ ले सकते हैं। यहां उनकी चिकित्सकीय जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा।
कंपनी ने कहा कि इन केंद्रों पर 24 घंटे मेडिकल कवर उपलब्ध होगा। प्रशिक्षित पेशेवर एकांतवास में रह रहे कर्मचारियों या उनके परिजनों की निगरानी करेंगे। मरीज इलाज के दौरान वर्चुअल तरीके से अपने चिकित्सक से भी संपर्क कर सकेंगे। इस बारे में भेजे गए ई-मेल के जवाब में टीसीएस ने कहा है कि पिछले कुछ माह के दौरान जो संकट पैदा हुआ है, उनके मद्देनजर हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता कर्मचारियों के स्वास्थ्य की देखभाल है। बयान में कहा गया है कि हमारे परिसरों में स्थापित टीसीएस स्वास्थ्य केंद्रों पर बिना लक्षण या मामूली कोविड-19 संक्रमण वाले कर्मचारियों और उनके परिजनों को पृथकवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उनकी देखभाल स्वास्थ्य पेशेवर करेंगे।



































