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जेल जाने से कुछ हफ्ते पहले विदेश जाना चाहते थे सहारा प्रमुख

जेल भेजे जाने से कुछ हफ्ते पहले संकटग्रस्त सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर के साथ कारोबारी चर्चा के लिए विदेश जाना चाहते थे।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: April 11, 2016 9:24 IST
जेल जाने से कुछ हफ्ते पहले भारत छोड़ने की तैयारी में थे सहारा प्रमुख, सेबी ने किया खुलासा- India TV Paisa
जेल जाने से कुछ हफ्ते पहले भारत छोड़ने की तैयारी में थे सहारा प्रमुख, सेबी ने किया खुलासा

नई दिल्ली। जेल भेजे जाने से कुछ हफ्ते पहले संकटग्रस्त सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर के साथ कारोबारी चर्चा के लिए विदेश जाना चाहते थे। बाजार नियामक सेबी के वकील अरविंद दातार ने इस हाई प्रोफाइल मामले में यह खुलासा किया है। सेबी और सहारा के बीच लंबे समय से चल रही कानूनी लड़ाई को दिलचस्प मामला करार देते हुए दातार ने यह भी कहा, जैसा कि यह लाइन चलती है कि पिक्चर अभी बाकी है, हमें नहीं मालूम कि यह हमें कब और कहां ले जाएगा। राय को 4 मार्च, 2014 को राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल में भेजा गया था और तब से वह जेल में हैं।

शुक्रवार शाम को सहारा बनाम सेबी मामले पर एक व्याख्यान में प्रसिद्ध अधिवक्ता दातार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की एक प्रापर्टी से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान राय को देश नहीं छोड़ने को कहा था। उन्होंने कहा, जब उच्चतम न्यायालय ने उनसे (राय) पेश होने को कहा, राय ने एक आवेदन दायर कर कहा कि वह भारत छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह कारोबारी चर्चा के लिए बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर से मिलने के लिए भारत छोड़ना चाहते हैं। यह बात दस्तावेज पर है। दातार ने कहा कि बाद में अदालत ने राय को पेश होने के लिए कहा और इसके बाद राय ने एक हलफनामा दायर कर कहा कि उनकी मां की तबीयत बहुत खराब है कि वह लखनउ नहीं छोड़ सकते। विधि सेंटर फार लीगल पालिसी द्वारा यहां आयोजित व्याख्यान में दातार ने कहा, मैंने कहा कि यदि वह बिल क्लिंटन से मिलने जा सकते हैं तो वह सुप्रीम कोर्ट में भी आ सकते हैं।

सेबी की रिफंड प्रक्रिया की प्रगति के संबंध में दातार ने कहा कि जमाकर्ताओं की कुल संख्या 3 करोड़ है, लेकिन रिफंड के दावे केवल 5,000 जमाकर्ताओं द्वारा किए गए हैं। सेबी द्वारा रिफंड की गई कुल रकम 55 करोड़ रपये है।  राय की रिहाई के लिए जमानत राशि जुटाने के वास्ते उच्चतम न्यायालय ने सेबी को सहारा समूह की 87 भारमुक्त संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। इन संपत्तियों के स्वामित्व विलेख सेबी के पास हैं। दातार ने हालांकि कहा कि यह एक थकाने वाला काम होगा। उन्होंने विजय माल्या के किंगफिशर हाउस भवन की नीलामी का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें बोलीकर्ताओं ने कोई रचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा, मुझे इस बात की चिंता है कि 40,000 करोड़ रपये मूल्य की कई संपत्तियां हैं। अब हमें बैनामा की जांच करनी होगी। हमें यह सब कराना होगा जोकि एक बोझिल काम है।

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