
Sri Lanka में अडाणी ग्रुप का विंड पावर प्रोजेक्ट कैंसिल नहीं किया गया है, कंपनी के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। बताते चलें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि श्रीलंका में अडाणी ग्रुप का विंड पावर प्रोजेक्ट कैंसिल कर दिया गया है। अडाणी ग्रुप ने श्रीलंका के उत्तरी मन्नार और पूनरीन जिलों में 484 मेगावॉट (MW) के विंड पावर प्रोजेक्ट्स को को कैंसिल करने की खबरों को झूठा और भ्रामक बताया है। इस मामले में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि प्रोजेक्ट को कैंसिल नहीं किया गया है।"
कैबिनेट द्वारा टैरिफ के पुनर्मूल्यांकन का फैसला एक स्टैंडर्ड रीव्यू प्रोसेस
अडाणी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि मई 2024 में अप्रूव हुए टैरिफ का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए, 2 जनवरी को श्रीलंका के कैबिनेट का फैसला एक स्टैंडर्ड रीव्यू प्रोसेस का हिस्सा है, खासतौर पर एक नई सरकार के साथ, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि कंपनी की शर्तें उनकी मौजूदा प्राथमिकताओं और एनर्जी पॉलिसी से अलग न हों। ग्रुप के प्रवक्ता ने आगे कहा कि अडाणी ग्रुप श्रीलंका के ग्रीन एनर्जी सेक्टर में 1 बिलियन डॉलर का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्रीलंका को करना पड़ा था बिजली और फ्यूल की भीषण किल्लत का सामना
बताते चलें कि श्रीलंका को साल 2022 में आर्थिक संकट के दौरान बिजली और फ्यूल की भीषण किल्लत का सामना करना पड़ा था। भारत का ये पड़ोसी देश अब इंपोर्ट किए जाने वाले फ्यूल की लागत में उछाल के खिलाफ अपना बचाव करते हुए रीन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
श्रीलंका के अखबार में छापी गई थी प्रोजेक्ट कैंसिल करने की खबर
इससे पहले, श्रीलंका के एक प्रमुख बिजनेस अखबार डेली एफटी ने इस मामले में खबर छापी थी। अखबार में कहा गया था कि श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने मन्नार और पूनरीन में विंड पावर प्लांट्स बनाने का ठेका अडाणी ग्रीन एनर्जी एसएल लिमिटेड को देने के फैसले को रद्द कर दिया है। ये फैसला पिछले साल चुनाव से पहले लिया गया था और दिसानायके से पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने इसे मंजूरी दी थी।