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Explainer: बजट के बाद Gold, शेयर, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी? जानिए कहां निवेश करना सबसे अधिक फायदेमंद

वर्तमान में, शेयरों और म्यूचुअल फंड की स्कीम की बिक्री 12 महीने या उससे कम समय पर करने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता था। धारा 111 ए के तहत एलटीसीजी फ्लैट 15% की दर से लगाया जाता है।

Written By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jul 27, 2024 15:02 IST, Updated : Jul 27, 2024 15:09 IST
Gold, shares, mutual funds or property- India TV Paisa
Photo:FILE Gold, शेयर, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी

बजट में सभी एसेट क्लास, (शेयर, म्यूचुअल फंड, सोना और प्रॉपर्टी) पर लगने वाले कैपिटल गेन टैक्स की दर और गणना में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही सोने और प्रॉपर्टी की बिक्री पर मिलने वाला इंडेक्सेशन का लाभ खत्म कर दिया गया है। इससे टैक्स बोझ का गणित बदल गया है। अब बड़ा सवाल है कि बजट के बाद कहां निवेश करना बेहतर होगा? कहां निवेश पर शानदार रिटर्न मिलेगा और टैक्स भी कम चुकाना होगा? आइए जानते हैं। 

सोने पर बजट में क्या बदलाव?

बजट 2024 ने सोने पर कैपिटल गेन के लिए होल्डिंग अवधि को 36 महीने से घटाकर 24 महीने कर दिया है, ताकि इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जा सके और साथ ही LTCG टैक्स की दर को घटाकर 12.5% ​​कर दिया है। इसके अलावा, सोने के लिए LTCG गणना के लिए उपलब्ध इंडेक्सेशन को हटा दिया गया है। इससे पहले, सोने और सोने के आभूषणों की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की गणना करते समय इंडेक्सेशन की अनुमति थी। इसके जरिये मुद्रास्फीति सूचकांक के अनुसार कीमत बढ़ाकर कर योग्य पूंजीगत लाभ को कम करने की अनुमति थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। 

प्रॉपर्टी पर बजट में क्या बदलाव? 

बजट 2024 ने प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन लाभ को खत्म कर दिया है। अब, घर संपत्ति बेचकर होने वाले लाभ पर एक समान 12.5% ​​लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होगा। इससे पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 20% देना होता थ्टाा लेकिन इंडेक्सेशन का लाभ मिलता था। टैक्स के जानकारों का कहना है कि इससे प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। हालांकि, अप्रैल 2001 के बाद खरीदी गई प्रॉपर्टी पर ही यह लागू होगा। विरासत और 2001 से पहली गई प्रॉपर्टी पर यह लागू नहीं होगा। 

शेयर और म्यूचुअल फंड पर बजट में बदलाव?

वर्तमान में, शेयरों और म्यूचुअल फंड की स्कीम की बिक्री 12 महीने या उससे कम समय पर करने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता था। धारा 111 ए के तहत एलटीसीजी फ्लैट 15% की दर से लगाया जाता है। 12 महीने से अधिक समय तक होल्ड करने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता था। 1 लाख रुपये तक के इनकम पर 10% कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता था। अब बजट में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर को 10% से बढ़ाकर 12.50% करने का ऐलान किया गया है। हालांकि, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1,25,000 करने का भी प्रस्ताव किया गया है। 

अब बड़ा सवाल कहां निवेश करना सबसे अधिक फायदेमंद? 

फाइनेंशियल और टैक्स एक्सपर्ट की माने तो बजट के बाद शेयर और म्यूचुअल फंड सबसे बेहतर निवेश माध्यम बनकर उभरे हैं। टैक्स दर बढ़ने के बावजूद इसमें मिलने वाले रिटर्न पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को बढ़ाकर ₹1.25 लाख रुपये कर दिया है। अगर सोने की बात करें तो सोना-चांदी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी 15% से घटाकर 6% कर दी गई है। इससे सोना करीब 5000 रुपये सस्ता हो गया है। चांदी भी करीब 8000 रुपये सस्ती हो गई है। यह गिरावट आगे और देखने को मिल सकती है। इसलिए अभी निवेश करना सही नहीं होगा। अगर प्रॉपर्टी की बात करें तो बीते दो साल में अधिकांश शहरों में घरों और दुकानों की कीमत डबल से अधिक हो गई है। वहीं, इंडेक्सेशन का लाभ खत्म होने से टैक्स का बोझ बढ़ गया है। इसलिए बहुत अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद अब अगले कुछ सालों में नहीं की जा सकती है। 

अब फैसला आपको करना है कि आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं या शॉर्ट टर्म? अपने फाइनेंशियल गोल के अनुसार ही निवेश करें। निवेश से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट से जरूर सलाह ले लें। 

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