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सीमेंट के बाद अब इस कारोबारी सेक्टर में भिड़ेंगे अदाणी, बिड़ला, 80,000 करोड़ का है मार्केट

जेफरीज के विश्लेषकों ने कहा, ‘‘तार और केबल उद्योग में नए खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त जगह है, क्योंकि यह दहाई अंक में बढ़ रहा है और उद्योग का 30 प्रतिशत हिस्सा अब भी असंगठित क्षेत्र के पास है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Mar 30, 2025 06:36 pm IST, Updated : Mar 30, 2025 06:36 pm IST
Adani and Birla- India TV Paisa
Photo:FILE अदाणी, बिड़ला

अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाला अदाणी समूह और कुमार मंगलम बिड़ला का आदित्य बिड़ला समूह सीमेंट के बाद अब तार एवं केबल कारोबार में आमने-सामने होने के लिए तैयार हैं। दोनों ही समूह दहाई अंकों की वृद्धि वाले इस क्षेत्र में उतरने की घोषणा कर चुके हैं। एक महीने से भी कम समय में दोनों समूहों ने तार और केबल क्षेत्र में उतरने की घोषणा की है। इन दोनों समूहों की प्रतिस्पर्धा की वजह से सीमेंट क्षेत्र की छोटी कंपनियां पहले ही काफी पीछे छूट गई हैं। वहीं तार और केबल उद्योग में असंगठित और छोटी कंपनियों का दबदबा है। 

प्रतिस्पर्धा तेज होने का अनुमान

दो बड़े समूहों के इस क्षेत्र में कदम रखने से तार और केबल उद्योग में प्रतिस्पर्धा तेज होने का अनुमान है। इस क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच राजस्व में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। यह क्षेत्र अब एक संगठित ब्रांड बाजार की ओर बढ़ रहा है। अदाणी समूह द्वारा 19 मार्च को इस क्षेत्र में उतरने की घोषणा के एक दिन बाद सूचीबद्ध तार और केबल कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है। इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों पॉलीकैब इंडिया और केईआई इंडस्ट्रीज के शेयरों का मूल्य 20 मार्च को 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया। इसी तरह हैवेल्स का शेयर भी पांच प्रतिशत टूट गया। अगले दिन फिनोलेक्स केबल्स में भी चार प्रतिशत की गिरावट आई। तार और केबल को ‘गहरी जेब वाले नए प्रवेशकों के लिए आदर्श क्षेत्र’ बताते हुए जेएम फाइनेंशियल्स ने कह कि यह एक ऐसा उद्योग है, जहां कोई भी अकेली कंपनी तार कारोबार में 15 प्रतिशत और केबल कारोबार में 20 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी नहीं रखती है। 

इस सेक्टर में पहले से 400 कंपनियां  

उद्योग में लगभग 400 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें एसएमई से लेकर बड़े उद्यम शामिल हैं, जिनका राजस्व 50 से 400 करोड़ रुपये के बीच है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के मुताबिक, भारत में करीब 80,000 करोड़ रुपये का तार और केबल उद्योग (56,000 करोड़ रुपये केबल और 24,000 करोड़ रुपये तार) के पास ‘आकर्षक अवसर’ हैं। जेफरीज के विश्लेषकों ने कहा, ‘‘तार और केबल उद्योग में नए खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त जगह है, क्योंकि यह दहाई अंक में बढ़ रहा है और उद्योग का 30 प्रतिशत हिस्सा अब भी असंगठित क्षेत्र के पास है। वर्ष 2028-29 में इस उद्योग का आकार 1,30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।" 

केबल की मांग मजबूत बनी हुई 

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि तार और केबल की मांग मजबूत बनी होने के साथ दीर्घकालिक वृद्धि का दृष्टिकोण भी स्थिर है। अदाणी एंटरप्राइजेज ने अपनी अनुषंगी की अनुषंगी कंपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड (केसीएल) के माध्यम से इस महीने की शुरुआत में प्रणीता वेंचर्स के साथ साझेदारी में प्रणीता इकोकेबल्स नाम से एक संयुक्त उद्यम का गठन किया, जो धातु उत्पादों, केबल और तारों का निर्माण और बिक्री करेगा। यह कदम आदित्य बिड़ला समूह की प्रमुख कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा 25 फरवरी को अगले दो वर्षों में 1,800 करोड़ रुपये के निवेश के साथ तार और केबल केबल खंड के माध्यम से निर्माण मूल्य श्रृंखला में अपनी पहुंच का विस्तार करने की घोषणा के लगभग एक महीने बाद उठाया गया है। 

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