भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था का असर दुनियाभर में दिखाई दे रहा है। इसके चलते विदेशी निवेशक लगातार भारत की ओर रुख कर रहे हैं। इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार पर देखने को मिल रहा है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार यानी फॉरेक्स रिजर्व लगातार बढ़ता जा रहा है। आपको बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 2.76 अरब डॉलर बढ़कर 623.2 अरब डॉलर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पिछले सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.47 अरब डॉलर बढ़कर 620.44 अरब डॉलर हो गया था।
2021 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था
उल्लेखनीय है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। पिछले साल से वैश्विक गतिविधियों के कारण उत्पन्न दबाव के बीच केंद्रीय बैंक ने पूंजी भंडार का उपयोग बाजार में जरूरी हस्तक्षेप के लिए किया। इससे मुद्राभंडार प्रभावित हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, 29 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.87 अरब डॉलर बढ़कर 551.61 अरब डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा भंडार में ये घटक शामिल
डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है। रिजर्व बैंक के अनुसार स्वर्ण भंडार का मूल्य 85.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 48.33 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.36 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 20 लाख डॉलर घटकर 4.89 अरब डॉलर रहा।