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नाइंसाफी: सीनियर हैं तो इस साल नहीं बढ़ेगी सैलरी! इस कंपनी के हजारों कर्मचारियों में घोषणा से मची भगदड़

देश में महंगाई बढ़ने के चलते खाने पीने के सामान से लेकर उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में कमी देखी जा रही है। ग्रामीण भारत पर भी महंगाई की मार पड़ी है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Feb 23, 2023 17:08 IST, Updated : Feb 23, 2023 17:11 IST
Flipkart - India TV Paisa
Photo:FILE Flipkart

मंदी और महंगाई के बीच दुनिया भर की कंपनियां कॉस्ट कटिंग के लिए नए नए जुगाड़ ढूंढ रही हैं। पहले नौकरी से छंटनी की गई, फिर कल ही विप्रो से खबर आई जहां फ्रैशर्स की सैलरी आधी कर दी गई। वहीं अब ताजा खबर ईकॉमर्स कंपनी ​फ्लिपकार्ट की ओर से आई है। यहां कंपनी के मैनेजमेंट ने कर्मचारियों को मेल भेजकर बता दिया है कि सीनियर कर्मचारी इस साल सैलरी इंक्रीमेंट के बारे में भूल जाएं। कंपनी के अनुसार यह फैसला कठिन आर्थिक परिस्थितियों के चलते लिया गया है। 

अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें कंपनी के ईमेल के हवाले से ये जानकारी दी गई है। फ्लिपकार्ट के अनुसार कंपनी के इस फैसले से कंपनी के टॉप 30% को इस साल सैलरी हाइक से महरूम रहना पड़ेगा। मंदी की मार झेलने वालों में कंपनी के सीनियर लीडर्स भी शामिल हैं। कंपनी ने बुधवार को अपने कर्मचारियों को भेजे इंटरनल मेल में बताया है कि इन 30 प्रतिशत कर्मचारियों को इस साल कोई वेतन वृद्धि नहीं दी जाएगी। 

क्या बोली कंपनी 

कंपनी के चीफ पब्लिक अफीसर कृष्णा राघवन ने ईमेल में कहा, "आगामी इंफ्रीमेंट साइकिल में, हम ग्रेड 9 और उससे नीचे के कर्मचारियों को प्राथमिकता देंगे। इस साल कंपनी की इंक्रीमेंट पॉलिसी का फायदा 70 प्रतिशत कर्मचारियों को मिलेगा। हालांकि कंपनी ने अभी यह नहीं बताया है कि कर्मचारियों का कितना इंक्रीमेंअ किया जाएगा। राघवन ने कहा कि कठिन व्यापक आर्थिक परिस्थितियों के बीच कंपनी अपने संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर जोर दे रही है। यह फैसला इसी के चलते लिया गया है।

खराब आर्थिक परिस्थितियों का दिया हवाला 

कंपनी ने इस फैसले के पीछे खराब आर्थिक हालात का हवाला दिया है। कंपनी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियां लगातार बदल रही हैं, हमें अपने संसाधनों के प्रबंधन में अत्यधिक विवेकपूर्ण होने की आवश्यकता है। बता दें कि देश में महंगाई बढ़ने के चलते खाने पीने के सामान से लेकर उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में कमी देखी जा रही है। ग्रामीण भारत पर भी महंगाई की मार पड़ी है। ऐसे में एफएमसीजी सामानों की घटती बिक्री के कारण ईकॉमर्स कंपनियां भी मंदी की मार झेलने को मजबूर हैं। 

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