Tuesday, May 13, 2025
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कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर सरकार ने 200 दिनों के लिए लगा दिया ये शुल्क, जानें किस वजह से लिया फैसला

सरकार ने पांच स्टील उत्पाद कैटैगरी के लिए आयात मूल्य 675 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से लेकर 964 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के बीच निर्धारित किया है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 21, 2025 22:40 IST, Updated : Apr 21, 2025 22:40 IST
सीआईएफ (लागत बीमा भाड़ा) के आधार पर निर्दिष्ट आयात मूल्य पर या उससे अधिक पर भारत में आयात किए जाने प
Photo:PIXABAY सीआईएफ (लागत बीमा भाड़ा) के आधार पर निर्दिष्ट आयात मूल्य पर या उससे अधिक पर भारत में आयात किए जाने पर उत्पाद कैटेगरी शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

सरकार ने सोमवार को हॉट रोल्ड कॉइल, शीट, प्लेट सहित पांच स्टील प्रोडक्ट कैटेगरी पर 200 दिनों के लिए 12 प्रतिशत अनंतिम सुरक्षा शुल्क लगा दिया। यह फैसला घरेलू कंपनियों को आयात में बढ़ोतरी से बचाने के लिए लिया गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह फैसला वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर द्वारा की गई सिफारिश के बाद लिया गया है। बीते महीने ही डीजीटीआर ने शुल्क लगाने का सुझाव दिया था।

आयात मूल्य इतना किया गया है तय

खबर के मुताबिक, राजस्व विभाग की एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, केंद्र सरकार महानिदेशक (व्यापार उपचार) के निष्कर्षों पर विचार करने के बाद सरकार ने पांच स्टील उत्पाद श्रेणियों के लिए आयात मूल्य 675 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से लेकर 964 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के बीच निर्धारित किया है। इन आयात मूल्यों से कम मूल्य पर आयातित किसी भी शिपमेंट पर सुरक्षा शुल्क लगेगा। नेटिफिकेशन के मुताबिक, सीआईएफ (लागत बीमा भाड़ा) के आधार पर निर्दिष्ट आयात मूल्य पर या उससे अधिक पर भारत में आयात किए जाने पर उत्पाद कैटेगरी शुल्क नहीं लगाया जाएगा। उत्पाद कैटेगरी हॉट रोल्ड कॉइल, शीट और प्लेट; हॉट रोल्ड प्लेट मिल प्लेट; कोल्ड रोल्ड कॉइल और शीट; मेटैलिक कोटेड स्टील कॉइल और शीट; तथा कलर कोटेड कॉइल और शीट, चाहे प्रोफाइल किए गए हों या नहीं।

आयात में अचानक बढ़ोतरी की जांच शुरू की

पिछले साल दिसंबर में, व्यापार उपचार महानिदेशालय यानी DGTR ने फैब्रिकेशन, पाइप बनाने, निर्माण, पूंजीगत सामान, ऑटो, ट्रैक्टर, साइकिल और इलेक्ट्रिकल पैनल सहित विभिन्न उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले 'गैर-मिश्र धातु और मिश्र धातु स्टील फ्लैट उत्पादों' के आयात में अचानक बढ़ोतरी की जांच शुरू की। यह जांच आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया; एएमएनएस खोपोली; जेएसडब्ल्यू स्टील; जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स; भूषण पावर एंड स्टील; जिंदल स्टील एंड पावर; और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सहित इसके सदस्यों की तरफ से भारतीय इस्पात संघ की शिकायत के बाद की गई थी।

आयात में हाल ही में अचानक, तेज और महत्वपूर्ण ग्रोथ हुई

निदेशालय ने अपनी जांच में पाया था कि भारत में इन उत्पादों के आयात में हाल ही में अचानक, तेज और महत्वपूर्ण ग्रोथ हुई है, जिससे घरेलू उद्योग/उत्पादकों को गंभीर नुकसान हो रहा है और नुकसान पहुंचने का खतरा है। निदेशालय ने 18 मार्च, 2025 की नोटिफिकेशन में कहा है कि ऐसी गंभीर परिस्थितियां मौजूद हैं, जहां अनंतिम सुरक्षा उपायों के आवेदन में किसी भी तरह की देरी से नुकसान होगा, जिसकी मरम्मत करना मुश्किल होगा। इंडस्ट्री के मुताबिक, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में घरेलू खपत से कहीं अधिक अतिरिक्त क्षमता का अस्तित्व उन देशों में मांग में कमी के चलते पैदा हुआ है। इन उत्पादों का आयात 2021-22 के दौरान 2. 293 मिलियन टन से बढ़कर जांच अवधि (अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024, और तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष - 2021-24) के दौरान 6.612 मिलियन टन हो गया।

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