क्रेडिट कार्ड के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ देश के तमाम सेक्टर और कंपनियां बिजनेस बढ़ाने के लिए कई तरह की तरकीब अपना रही हैं। कंपनियां क्रेडिट कार्ड कंपनियों, बैंकों और ऐप के साथ मिलकर तरह-तरह के ऑफर्स लेकर आ रही हैं, जिससे ग्राहक आकर्षित हों और उनका बिजनेस बढ़े। इनमें रेस्टॉरेंट्स भी किसी से पीछे नहीं हैं। बड़े और नामी रेस्टॉरेंट्स के साथ ही अब बाकी रेस्टॉरेंट्स भी क्रेडिट कार्ड कंपनियों, बैंकों और ऐप के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं और ग्राहकों के लिए शानदार डील्स लेकर आ रहे हैं। यहां हम जानेंगे कि रेस्टॉरेंट्स कैसे क्रेडिट कार्ड कंपनियों, बैंकों और ऐप के साथ रणनीति बनाते हैं, जिससे सभी को फायदा हो।
पार्टनरशिप से सभी को होता है फायदा
क्रेडिट कार्ड प्रोवाइडर के साथ पार्टनरशिप करने का फैसला कई अहम बातों पर निर्भर करता है। रेस्टॉरेंट्स सबसे पहले किसी भी कार्ड प्रोवाइडर का कस्टमर बेस देखती हैं। कमीशन फीस की इसमें अहम रोल निभाती हैं क्योंकि प्रत्येक कार्ड ट्रांजेक्शन पर रेस्टॉरेंट को 1.5 से 2 प्रतिशत का कमीशन देना होता है। इसके अलावा, कैशबैक और डिस्काउंट जैसे रिवॉर्ड्स और बेनिफिट्स रेस्टॉरेंट और ग्राहकों दोनों के लिए ही लाभ कमाने का मौका देते हैं।
रेस्टॉरेंट्स और कार्ड प्रोवाइडर के बीच होने वाली पार्टनरशिप की शर्तों में इसकी अवधि, विशिष्टता और समाप्ति की शर्तें शामिल हैं, जिनकी पूरी सावधानी से समीक्षा की जाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा समय तक बिजनेस को बेहतर बनाया जा सके।"
Buy One Get One Free ऑफर से पड़ता है सबसे ज्यादा फर्क
रेस्टॉरेंट अपने ग्राहकों को आकर्षित करने और उन्हें अपना रेगुलर कस्टमर बनाने के लिए अलग-अलग ऑफर्स को मिक्स कर देते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि प्रतिशत में छूट देना, ग्राहकों पर सीधा असर करता है। मान लीजिए कोई रेस्टॉरेंट बिल पर 20 प्रतिशत का डिस्काउंट दे रहा है, ऐसा ऑफर ग्राहक को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। लॉयल्टी रिवॉर्ड ग्राहकों को बार-बार आने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जबकि Buy One Get One Free डील बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी करती है।
सीमित समय वाले ऑफर ग्राहकों की संख्या में तत्काल बढ़ोतरी करने में मदद करते हैं, जबकि कैशबैक और लॉयल्टी पॉइंट्स जैसे बेनिफिट्स भविष्य में खपत को बनाए रखने में अहम योगदान देते हैं। त्योहार और सीजनल प्रचार से भी काफी फायदा मिलता है। इसके अलावा, छुट्टियों के समय ऑफर्स में बढ़ोतरी की जाती है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि करीब 75% ग्राहक कैशबैक या लॉयल्टी पॉइंट्स के बजाय फ्लैट डिस्काउंट को प्राथमिकता देते हैं।" सिर्फ 15 प्रतिशत लोग ही कैशबैक को पसंद करते हैं जबकि सिर्फ 10% ग्राहक लॉयल्टी पॉइंट्स को चुनते हैं।



































