Monday, December 16, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. महंगाई के आंसू नहीं रुलाएगा प्याज, बढ़ी कीमत को लेकर मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा एक्शन

महंगाई के आंसू नहीं रुलाएगा प्याज, बढ़ी कीमत को लेकर मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा एक्शन

आपको बता दें कि घरेलू मार्केट में प्याज की कीमत 60 से 65 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इसको देखते हुए यह कदम कीमत को कम करने में मदद करेगा और लोगों को प्याज के आंसू नहीं रोने होंगे।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Dec 08, 2023 10:49 IST, Updated : Dec 08, 2023 14:05 IST
प्याज- India TV Paisa
Photo:FREEPIK प्याज

देश में प्याज की बढ़ती कीमत को काबू करने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है।  सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश के लिए प्याज के निर्यात पर अगले साल मार्च तक प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज के निर्यात की नीति को 31 मार्च, 2024 तक मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है। आपको बता दें कि घरेलू मार्केट में प्याज की कीमत 70-80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इसको देखते हुए यह कदम कीमत को कम करने में मदद करेगा और लोगों को प्याज के आंसू नहीं रोने होंगे। 

आम लोगों का बिगड़ रहा बजट

राजधानी दिल्ली में स्थानीय सब्जी विक्रेता 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज बेच रहे हैं। इसकी वजह से आम उपभोक्ताओं का बजट बिगड़ने लगा है। इसके पहले अक्टूबर में केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर प्याज स्टॉक बेचने का फैसला किया था। सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी तय किया था। इसके पहले अगस्त में प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा कि अन्य देशों को उनके अनुरोध के आधार पर सरकार से मंजूरी लेकर प्याज के निर्यात की अनुमति होगी। इसके अलावा इस अधिसूचना से पहले ही लदान हो चुकी प्याज की खेप को भी निर्यात की अनुमति है। 

9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया 

इसके अलावा अगर प्याज की खेप इस अधिसूचना के जारी पहने के पहले सीमा शुल्क को सौंप दी गई है और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली में उसे दर्ज किया जा चुका है तो उस प्याज के निर्यात की भी अनुमति है। ऐसी खेपों को अगले साल पांच जनवरी तक निर्यात किया जा सकेगा। चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था। निर्यात मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं। खरीफ फसल सत्र में प्याज की खेती के रकबे में कमी की खबरों के बीच इसके दाम चढ़ने लगे हैं। अक्टूबर के थोक मुद्रास्फीति आंक़ड़ों के मुताबिक, सब्जियों और आलू की मुद्रास्फीति में क्रमशः 21.04 प्रतिशत और 29.27 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि प्याज की वार्षिक मूल्यवृद्धि दर 62.60 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी रही।

थाली की कीमत बढ़ी

प्याज और टमाटर की बढ़ती कीमतों के कारण नवंबर में सामान्य शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमत में मासिक आधार पर वृद्धि हुई है। क्रिसिल एमआईएंडए रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्याज और टमाटर की कीमतों में मासिक आधार पर 58 प्रतिशत तथा 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी के कारण दाम बढ़े हैं। त्योहारी मांग और अनियमित वर्षा के कारण खरीफ के मौसम में कम उत्पादन के कारण प्याज और टमाटर की कीमतों में वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में घर में बनी शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कीमत में मासिक आधार पर क्रमश: 10 प्रतिशत और पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। मासिक आधार पर मुर्गियों की कीमतों में मामूली एक से तीन प्रतिशत की गिरावट आई। 

प्याज के दाम में 93 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी

मांसाहारी थाली की कीमत में मुर्गियों की कीमत का 50 प्रतिशत योगदान है। प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमशः 93 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि के कारण शाकाहारी थाली की कीमत सालाना आधार पर नौ प्रतिशत बढ़ गई। दालों की कीमतें सालाना आधार पर 21 प्रतिशत बढ़ी। इनका शाकाहारी थाली की कीमत में नौ प्रतिशत योगदान है। घर पर बनी भोजन की थाली की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित कच्चे माले की कीमतों के आधार पर की जाती है। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement