Friday, March 29, 2024
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पाकिस्तान आजादी के 75 साल बाद फिर होगा गुलाम? UAE को बेच रहा अपनी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी

यूएई ने सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनियों में एक तय कीमत पर अल्पांश शेयरों की खरीद की पेशकश की है। इसके साथ ही यूएई ने इन कंपनियों के निदेशक मंडल में एक-एक सीट देने की भी मांग रखी है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: June 28, 2022 17:45 IST
Pakistan UAE- India TV Paisa
Photo:FILE

Pakistan UAE

Highlights

  • यूएई ने कंपनियों में एक तय कीमत पर अल्पांश शेयरों की खरीद की पेशकश की
  • यूएई ने इन कंपनियों के निदेशक मंडल में एक-एक सीट देने की भी मांग रखी है
  • सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में 10 से 12 प्रतिशत तक शेयर खरीदने की पेशकश

पाकिस्तान आजादी के 75 साल बाद एक बार फिर गुलामी की जंजीरों की ओर बढ़ रहा है। भारी कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने अब अपनी कंपनियों को यूएई के हवाले करने का फैसला किया है। हाल ही में पाकिस्तान ने अपने पुराने दोस्त संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से नए कर्ज का अनुरोध किया था। लेकिन उसके जवाब में यूएई ने सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनियों में एक तय कीमत पर अल्पांश शेयरों की खरीद की पेशकश की है। इसके साथ ही यूएई ने इन कंपनियों के निदेशक मंडल में एक-एक सीट देने की भी मांग रखी है। 

मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक, 27 जून से 23 जुलाई तक परिपक्व होने वाले एक और दो अरब डॉलर के कर्ज को चीन ने आगे ले जाने की पेशकश की है। इससे पाकिस्तान को काफी राहत मिली है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि यूएई के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है, तो इससे नकदी संकट से जूझ रही सरकार को काफी राहत मिल सकती है। 

10 से 12 प्रतिशत तक शेयर खरीद

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने सूत्रों के हवाले से कहा कि यूएई सरकार ने शेयर बाजारों में सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में 10 से 12 प्रतिशत तक शेयर खरीदने की पेशकश की है। रिपोर्ट में पाकिस्तानी वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के हवाले से कहा गया, ‘‘एक मित्र देश की ओर से पाकिस्तानी कंपनियों के शेयरों को पुनर्खरीद के आधार पर खरीदने का प्रस्ताव है।’’

कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने अब लगाया ‘सुपर टैक्स’

नकदी संकट और अस्थिर अर्थव्यवस्था समेत कई आर्थिक चुनातियों का सामना कर रहा पाकिस्तान देश के बड़े उद्योगों पर 10 प्रतिशत की दर से ‘सुपर टैक्स’ लगाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को सीमेंट, इस्पात और वाहन जैसे उद्योगों पर दस प्रतिशत की दर से कर लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कदम से देश को लगातार बढ़ रही मुद्रास्फीति और नकदी संकट का सामना करने में मदद मिलेगी। शरीफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट पर अपनी आर्थिक टीम के साथ बैठक के बाद यह कर लगाने की घोषणा की। 

अमीरों को देना होगा रिच टैक्स

उन्होंने कहा कि सुपर टैक्स व्यवस्था लागू होने से देश के उच्च आय वाले व्यक्ति भी ‘गरीबी उन्मूलन कर’ के दायरे में आ जाएंगे। शहबाज ने कहा कि 15 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले व्यक्तियों पर एक प्रतिशत कर लगेगा। वहीं, 20 करोड़ की आय पर दो प्रतिशत, 25 करोड़ रुपये की आमदनी पर तीन प्रतिशत और 30 करोड़ की रुपये की आय पर चार प्रतिशत का कर लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने देश के नाम जारी एक वीडियो संदेश में कहा, हमारा पहला उद्देश्य जनता को राहत देने के साथ लोगों पर महंगाई का बोझ कम करना और उन्हें सुविधा देना है।

दिवालिया होने के कागार पर पाकिस्तान 

उन्होंने कहा, हमारा दूसरा मकसद देश को ‘दिवालिया’ होने से बचाना है। देश इमरान खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की ‘अक्षमता और भ्रष्टाचार’ के कारण तबाह हो गया है।’’ उन्होंने बताया कि सीमेंट, इस्पात, चीनी, तेल और गैस, उर्वरक, एलएनजी टर्मिनल, कपड़ा, बैंकिंग, वाहन, सिगरेट, पेय और रसायन जैसे बड़े उद्योगों पर सुपर टैक्स लगाया जाएगा। 

पाकिस्तान को IMF का मिला सहारा

खस्ताहाल आर्थिक हालात और नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बहुत बड़ी राहत मिल गई है। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के बाद पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाले 6 अरब डॉलर के सहायता पैकेज का रास्ता बहाल हो गया है। इसके साथ ही अब पाकिस्तान अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से फाइनेंस भी प्राप्त कर सकेगा। 

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