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यूनिकॉर्न की संख्या भारत में चार सालों में पहली बार घटी, जानें अब कितने हैं मौजूद

हुरुन ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 में कहा गया है कि देश ने दुनिया भर में यूनिकॉर्न के लिए तीसरा सबसे बड़ा केंद्र होने का टैग बरकरार रखा है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 09, 2024 23:01 IST, Updated : Apr 09, 2024 23:01 IST
एडटेक कंपनी बायजू लिस्ट से बाहर हो गई है।- India TV Paisa
Photo:REUTERS एडटेक कंपनी बायजू लिस्ट से बाहर हो गई है।

देश में यूनिकॉर्न की संख्या में गिरावट आई है। यह गिरावट बीते चार साल में पहली बार देखी गई है। यहां यूनिकॉर्न 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की कंपनियों को कहा जाता है। भारत में फिलहाल यूनिकॉर्न की संख्या घटकर 67 रह गई हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, हुरुन ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 में इस बात की जानकारी दी है। हालांकि इसमें कहा गया है कि देश ने दुनिया भर में यूनिकॉर्न के लिए तीसरा सबसे बड़ा केंद्र होने का टैग बरकरार रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1,453 यूनिकॉर्न की सूची में भारतीय कंपनियों की संख्या में कुल गिरावट इक्विटी सूचकांकों पर अच्छे लाभ के बावजूद स्टार्टअप्स में निवेश की कमी के कारण है।

बायजू लिस्ट से बाहर

खबर के मुताबिक, कई मुद्दों से जूझते हुए, एडटेक कंपनी बायजू, जिसकी कीमत एक साल पहले 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा थी, लिस्ट से बाहर हो गई, जिसका अर्थ है कि वर्तमान में इसकी कीमत 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से भी कम है। हुरुन रिपोर्ट के मुताबिक, बायजू के मूल्यांकन में गिरावट ने इसे दुनिया के किसी भी स्टार्टअप के मुकाबले सबसे बड़ी गिरावट बना दिया है।

अपने राजस्व लक्ष्य से चूक गई कंपनी

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2008 में स्थापित बायजू ने अपनी प्रतिष्ठित स्थिति खो दी क्योंकि इसने घाटे में वृद्धि के बाद पुनर्गठन किया और लागत में कटौती की। पूर्व यूनिकॉर्न पिछले साल मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए अपने राजस्व लक्ष्य से चूक गया। बायजू पर टिप्पणी करते हुए, हुरुन रिपोर्ट के अध्यक्ष और मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगेवर्फ ने कहा कि कुछ स्टार्टअप वास्तव में विफल होते हैं और इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर मीडिया का ध्यान आकर्षित करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियां अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।

भारत के सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी और फैंटेसी स्पोर्ट्स पर केंद्रित ड्रीम11 भारत के सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न हैं, जिनमें से प्रत्येक की कीमत 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, और इसके बाद रेजरपे का स्थान है, जिसकी कीमत 7.5 अमेरिकी डॉलर है। दो टॉप मूल्यवान भारतीय यूनिकॉर्न वैश्विक स्तर पर सूची में 83वें स्थान पर हैं, जबकि रेज़रपे 94वें स्थान पर है। हुरुन इंडिया के मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि यूनिकॉर्न की सूची में एआई प्लेटफॉर्म क्रुत्रिम जैसे कुछ जोड़े गए हैं। हालांकि, उसी वर्ष अमेरिका से 60 एआई-केंद्रित स्टार्टअप और चीन से 37 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए।

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