शिक्षण प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न के संस्थापक बायजू रवींद्रन कंपनी के रोजमर्रा के कामकाज संभालेंगे। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अर्जुन मोहन के इस्तीफे के बाद यह फैसला किया गया।
हुरुन ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 में कहा गया है कि देश ने दुनिया भर में यूनिकॉर्न के लिए तीसरा सबसे बड़ा केंद्र होने का टैग बरकरार रखा है।
Byjus March Salary : संकटग्रस्ट एडटेक कंपनी बायजू ने अपने कर्मचारियों को मार्च की सैलरी देना शुरू कर दिया है। निचले वेतनमान वाले 25 फीसदी कर्मचारियों को पूरा पेमेंट मिलेगा।
Byju's Layoff : पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में करीब 2,500-3,000 लोगों को नौकरी से निकाला गया था।
Byjus March Salary : 27 फरवरी को NCLT ने कंपनी को राइट्स इश्यू से प्राप्त राशि को एक अलग एस्क्रो खाते में रखने का निर्देश दिया और निवेशकों द्वारा दायर मुकदमे के निपटारे तक धनराशि को वापस नहीं लेने का निर्देश दिया था।
बायजू ने राइट्स इश्यू के जरिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के लिए ईजीएम बुलाई थी। कोई भी नाराज निवेशक अपनी चिंताओं को उठाने के लिए ईजीएम में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुआ।
29 मार्च को ईजीएम बुलाने के फैसले का कुछ निवेशकों ने विरोध करते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ के समक्ष अर्जी लगाई है।
कंपनी पर वित्तीय कुप्रबंधन और आक्रामक मार्केटिंग के आरोप लगे जिसने कंपनी पर निगेटिव असर डाला। कंपनी के पतन में यह एक बड़ी वजह बनी। बायजू ने अधिकांश कर्मचारियों की पीएफ मनी जमा ही नहीं की है।
एडटेक कंपनी ने कहा कि कोई फंड नहीं निकाला गया है। लगभग 53.3 करोड़ डॉलर वर्तमान में कंपनी की 100 प्रतिशत गैर-अमेरिकी सहायक कंपनी में हैं।
रवींद्रन ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए खेद है कि हम अभी भी आपका वेतन भुगतान करने में असमर्थ हैं। पत्र में रवींद्रन ने कहा कि कंपनी अभी भी यह कोशिश कर रही है कि वेतन भुगतान 10 मार्च तक कर दिया जाए।
निवेशकों ने दलील दी कि राइट्स इश्यू सिर्फ तभी लाया जा सकता है जब कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाई जाए और मौजूदा शेयरधारक आवेदन कर नए शेयर हासिल करें। कंपनी के कुछ निवेशकों ने मौजूदा प्रबंधन को जिम्मेदार बताया है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अंतरिम राहत दी थी जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि बैठक के दौरान लिए गए किसी भी निर्णय को समाधान होने तक प्रभावी नहीं किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि याचिका में हाल ही में समाप्त हुए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के राइट्स इश्यू को अमान्य घोषित करने और यह निर्देश देने की मांग की गई है कि कंपनी को कोई भी कॉर्पोरेट कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो निवेशकों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।
बायजू की मूल शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रवींद्रन बायजू के साथ-साथ निदेशक मंडल के सदस्य भी कंपनी के चुनिंदा निवेशकों द्वारा बुलाई गई असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में शामिल नहीं होंगे।
एडटेक फर्म, जिसका मूल्य एक समय 20 अरब डॉलर से अधिक था और जो भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की सबसे प्रमुख कंपनी थी, को पिछले साल बड़े पैमाने पर घाटा हुआ और मूल्यांकन में लगभग 90 प्रतिशत की गिरावट आई है।
रवीन्द्रन ने वैल्यूएशन पर उठ रहे सवालों को खारिज करते हुए कहा कि राइट्स इश्यू से पहले और बाद में कंपनी का स्वामित्व नहीं बदलता है। लिहाजा मूल्यांकन का सवाल ही अप्रासंगिक है क्योंकि मूल्य संरक्षण कायम रखा गया है।
असाधारण आम बैठक (EGM) के लिए दिये गए नोटिस में थिंक एंड लर्न के मौजूदा बोर्ड को बाहर करने की अपील की गई है। थिंक एंड लर्न बायजू ब्रांड नाम के तहत संचालन करती है।
एक सूत्र ने बताया कि अभी तक बायजू को राइट्स इश्यू से करीब 30 करोड़ डॉलर की कुल प्रतिबद्धता कमिटमेंट मिली है। कुछ निवेशकों ने राइट्स इश्यू का आकार बढ़ाने का भी सुझाव दिया है, लेकिन कंपनी के लिए प्राथमिकता मौजूदा इश्यू को सफलतापूर्वक बंद करना है।
कर्मचारियों को लिखे एक अलग पत्र में, कंपनी ने कुछ निवेशकों पर संकट के इस समय में कंपनी के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया। कंपनी ने अपने नेतृत्व को हटाने के लिए अभियान शुरू करने के एक दिन बाद निवेशकों पर पलटवार किया।
वेतन में देरी की खबर ऐसे समय में सामने आ रही है, जब अमेरिका में बायजू की अल्फा यूनिट ने डेलावेयर की अमेरिकी कोर्ट में चैप्टर 11 दिवालियापन कार्यवाही के लिए दायर किया, जिसमें 1 बिलियन डॉलर से 10 बिलियन डॉलर की देनदारियों को सूचीबद्ध किया गया है।
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