Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. मेरा पैसा
  4. लटके पड़े हैं 3.3 लाख करोड़ रुपए के रजिडेंशियल प्रोजेक्‍ट्स, आर्थिक बाधाओं और मांग से ज्‍यादा आपूर्ति बनी वजह

लटके पड़े हैं 3.3 लाख करोड़ रुपए के रजिडेंशियल प्रोजेक्‍ट्स, आर्थिक बाधाओं और मांग से ज्‍यादा आपूर्ति बनी वजह

कुछ चुने हुए जगहों के प्रॉपर्टी मार्केट में भले ही तेजी लौटती दिख रही है, लेकिन देश भर में 3.3 लाख करोड़ रुपए के कुल 4.65 लाख रेजिडेंशियल प्रोजेक्‍ट्स लटके पड़े हैं।

Edited by: Manish Mishra
Published : August 07, 2018 10:50 IST
Under Construction Properties- India TV Paisa

Under Construction Properties

नई दिल्ली। कुछ चुने हुए जगहों के प्रॉपर्टी मार्केट में भले ही तेजी लौटती दिख रही है, लेकिन देश भर में 3.3 लाख करोड़ रुपए के कुल 4.65 लाख रेजिडेंशियल प्रोजेक्‍ट्स लटके पड़े हैं। अचल संपत्ति डेटा और विश्लेषण कंपनी प्रॉपइक्विटी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया हे कि रेजिडेंशियल प्रोजेक्‍ट्स मुख्य रूप से वित्तीय बाधाओं, निष्पादन चुनौतियों, मांग से ज्यादा आपूर्ति, पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिलने और बिक्री गिरने के कारण लटकी हुई हैं।

NCR में 1.80 लाख प्रोजेक्‍ट्स हैं अटके

दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 70 फीसदी से ज्यादा लटकी हुई परियोजनाएं पूरी तरह से बिक चुकी हैं, लेकिन समय सीमा बीत जाने के बावजूद पूरी नहीं हुई हैं। ऐसे में खरीदार परेशान हैं और डेवलपरों से परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की मांग कर रहे हैं। एनसीआर क्षेत्र (गुड़गांव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद) में करीब 1.80 लाख फ्लैट जिनकी कीमत 1.22 लाख करोड़ रुपए हैं, अभी लटके पड़े हैं।

मुंबई महानगरीय क्षेत्र में 1 लाख से ज्‍यादा फ्लैट्स नहीं हुए पूरे

मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) में 1.05 लाख फ्लैट्स जिनकी कीमत कुल 1.12 लाख करोड़ रुपए हैं, अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। एमएमआर में मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे क्षेत्र शामिल हैं, जहां 60 फीसदी परियोजनाएं लटकी पड़ी हैं।

प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक समीर जसुजा ने कहा कि हालांकि कई परियोजनाएं लटकी हुई हैं, लेकिन हम प्रतिष्ठित डेवलपरों द्वारा सही प्रदर्शन करने की उम्मीद करते हैं। ऐसे में बाजार में कंसोलिडेशन की उम्मीद है। छोटे डेवलपर बड़े डेवलपरों को अपनी परियोजाएं बेचकर बाजार से निकल जाएंगे और अधिक सक्षम डेवलपर निर्माण पूरा करेंगे।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Personal Finance News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement