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Right Investment: म्‍यूचुअल फंड में लॉन्‍ग टर्म इंवेस्‍टमेंट होगा फायदेमंद, जान लीजिए इससे जुड़ी 6 खास बातें

म्‍यूचुअल फंड्स मार्केट में निवेश करने का सबसे समझदारी भरा और आसान जरिया माना जाता है। यहां बड़े फंड मैनेजर्स आपके निवेश को मुनाफेमंद बनाने का काम करते हैं।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: February 25, 2016 7:40 IST
Right Investment: म्‍यूचुअल फंड में लॉन्‍ग टर्म इंवेस्‍टमेंट होगा फायदेमंद, जान लीजिए इससे जुड़ी 6 खास बातें- India TV Paisa
Right Investment: म्‍यूचुअल फंड में लॉन्‍ग टर्म इंवेस्‍टमेंट होगा फायदेमंद, जान लीजिए इससे जुड़ी 6 खास बातें

नई दिल्‍ली। शेयर बाजार को निवेश के लिए सबसे फायदेमंद लेकिन जोखिम भरे टूल के रूप में जाना जाता है। साधारण निवेशक के लिए शेयर बाजार के उतार चढ़ाव और कंपनियों के टेक्निकल चार्ट्स का सही-सही अंदाज लगा पाना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में म्‍यूचुअल फंड्स मार्केट में निवेश करने का सबसे समझदारी भरा और आसान जरिया माना जाता है। यहां बड़े फंड मैनेजर्स आपके निवेश को मुनाफेमंद बनाने का काम करते हैं। लेकिन इसे बावजूद बहुत से लोगों के बीच म्‍यूचुअल फंड्स को लेकर भ्रांतियां है। जिसके चलते आसान और फायदे के बावजूद लोग इन टूल्‍स में निवेश से बचते हैं। इंडियाटीवी पैसा की टीम आपकी इन्‍हीं भ्रातियों को दूर करने की कोशिश कर रही है। जिससे आप भी इन फंड्स में सुकून भरा निवेश कर सकें।

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म्यूचुअल फंड्स में छोटी राशि भी कर सकते हैं निवेश

लोगों का मानना है कि जब तक आपके पास बड़ी पूंजी नहीं है, तब तक आप म्‍यूचुअल फंड मार्केट का रुख नहीं कर सकते। लेकिन वास्तव में म्यूचुअल फंड्स में आप 1000 रुपए से भी निवेश शुरु कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक निवेश करने के लिए सबसे अच्छा समय तब होता है जब आप शुरुआत करें। छोटी रकम से भी आप बाजार में निवेश कर सकते हैं। जितना जल्दी आप निवेश करना शुरु करेंगे उतनी ही जल्दी आप अपना कॉर्पस बना पाएंगे।

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म्यूचुअल फंड्स में छोटी अवधि के लिए भी कर सकते हैं निवेश

लोगों का मानना है कि म्‍यूचुअल फंड में सिर्फ लंबे समय के लिए ही निवेश कर सकते हैं। लेकिन वास्तव में म्यूचुअल फंड्स छोटे (शॉर्ट टर्म) और लंबे (लॉन्ग टर्म) समय दोनों के लिए होते हैं। शॉर्ट टर्म पांच साल से कम के लिए होते हैं और निवेशक डेट म्यूचुअल फंड्स में से चयन कर सकते हैं जो कि बैंक की एफडी से बेहतर होती है। लॉन्ग टर्म के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स सबसे अच्छे विकल्प होते हैं।

जानिए कहां मिलेगा बेहतर रिटर्न के साथ टैक्‍स का फायदा

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सभी म्यूचुअल फंड्स पर नहीं लगता टैक्‍स

लोग टैक्‍स सेविंग के लिए दूसरे इंस्‍ट्रूमेंट का प्रयोग करते हैं लेकिन वास्तव में म्यूचुअल फंड्स में निवेश टैक्स सेविंग्स लाभ मुहैया कराता है, लेकिन सिर्फ इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में जिसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत कर कटौती के योग्य होते हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से एक साल बाद किए गए कैपिटल गेन पर टैकस छूट मिलती है और डेट फंड्स के कैपिटल गेन पर तीन साल बाद टैक्स लगता है जो कि इंडेक्सेशन लाभ के कारण काफी कम दर पर लगता है।

म्यूचुअल फंड्स का मतलब सिर्फ इक्विटी नहीं

वास्तव में म्यूचुअल फंड्स का मतलब केवल स्टॉक्स या इक्विटी मार्केट में निवेश करना नहीं होता है। म्यूचुअल फंड्स मुख्य एसेट क्लास के आधार पर क्लासिफाइड होते हैं। जैसे कि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इक्विटिज में निवेश होता है, डेट म्यूचुअल फंड्स में डेट या फिक्स्ड इनकम में निवेश होता है और मनी मार्केट फंड्स में निवेश के विकल्पों में जैसे कि ट्रैजरी बिल्स और रिपर्चेस एग्रीमेंट्स।

निवेश से पहले जानें क्‍या है एनएवी

म्‍युचुअल फंड की गणना उसकी एनएवी से होती है। वास्तव में फंड की नेट एसेट वैल्यु (एनएवी) बेमतलब होता है क्योंकि ये निवेश फंड की मार्केट वैल्यु को दर्शाता है न कि बाजार के दामों को। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपके पास दो विकल्प है- 1000 यूनिट फंड ए की जिसकी एनएवी 10 रुपए है और 100 यूनिट्स फंड बी की जिसकी एनएवी 100 रुपए है। आपने फंड ए की 1000 यूनिट खरीदने का फैसला लिया। एक साल के बाद क्योंकि दोनों फंड्स का एक जैसा पोर्टफोलियो है तो दोनों 20 फीसदी की दर से बढ़ेंगे। फंड ए की एनएवी 12 रुपए हो जाएगी और फंड बी की 120 रुपए। आपकी निवेश वैल्यु 12000 रुपए तक बढ़ जाएगी और रिटर्न दोनों का एक सा होगा।

बच्‍चों के लिए भी हैं म्‍यूचुअल फंड्स

वास्तव में किसी भी अन्य फंड स्कीम की तरह रिटर्न्स बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। बच्चों पर केंद्रित फंड में किसी भी अन्य म्यूचुअल फंड की तरह ही जोखिम होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी अन्य स्कीम में और बच्चों की स्कीम में रिटर्न की गारंटी एक जैसी होती है। इसमें कोई फर्क नहीं है। निवेश करने से पहले लंबे समय के लिए निवेश, प्रर्दशन, जोखिम और रिटर्न का विश्लेष्ण जरूर करें।

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