
दुनिया भर में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है। रूस-यूक्रेन, इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध के बाद अब इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ने से वैश्विक हालात बहुत ही नाजुक हो गए हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच भी तनाव बना हुआ है। ऐसे में कई एक्सपर्ट थर्ड वर्ल्ड की आशंका जाता रहे हैं। इसका असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखाई देना लगा है। शुक्रवार को दुनियाभर के बाजारों में बड़ी गिरावट आई। वहीं कच्चा तेल 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इन सब घटानाक्रमों को देखते हुए अगर आप अपनी मेहनत की कमाई निवेश करना चाहते हैं तो Gold, रियल एस्टेट या म्यूचुअल फंड/शेयर में कौन बेस्ट रहेगा? कहां आपका पैसा सुरक्षित भी रहेगा और शानदार रिटर्न भी मिलेगा? आइए जानते हैं।
सोना
कमोडिटी एक्सपर्ट का कहना है कि बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंक की मांग ने सोने का दाम पहले से ही रिकॉर्ड हाई पर पहुंच चुका है। भारत में सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 1 लाख रुपये के पार है। चांदी में भी बड़ी तेजी है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि अगर दुनिया में इसी तरह का माहौल रहा या आगे और संकट बढ़ा तो इन दोनों कीमती धातु में और बड़ी तेजी आएगी।
रियल एस्टेट
देश के प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में पिछले दो सालों में जबरदस्त उछाल आया है। किराये की आय में भी वृद्धि हुई है। हालांकि, अब प्रॉपर्टी की कीमत में बड़ी वृद्धि के बाद मांग में कमी देखी जा रही है।
म्यूचुअल फंड/शेयर
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारतीय शेयर बाजार लगातार मजबूत रिटर्न दे रहे हैं। लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव, चुनाव और वैश्विक संकेत निवेशकों के धैर्य की परीक्षा ले सकते हैं। ऐसे में अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो म्यूचुअल फंड/शेयर में निवेश करने की सोच सकते हैं। आप निवेश सिप के जरिये करने से जोखिम कम करने के साथ बेहतर रिटर्न ले पाएंगे।
कहां निवेश करना सही होगा?
फाइनेंशियल प्लानर का कहना है कि सही निवेश आपकी उम्र, जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है, न कि ट्रेंड पर। हर साल कोई एक एसेट क्लास में तेजी रहती है। वेल्थ क्रिएशन डायवर्सिफिकेशन में निहित है। चाहे आप 1 लाख रुपये या 10 लाख रुपये का निवेश कर रहे हों, आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने के लिए एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाना महत्वपूर्ण है। इसलिए आप अपनी रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार सही निवेश माध्यम का चुनाव करें। कोई भी फैसला जल्दबाजी में बिल्कुल नहीं लें।