
सरकार टैक्स चोरी को रोकने के लिए चाहे जितनी भी जोर लगा ले, ऐसा करने वाले अपनी आदतों से बाज नहीं आते। इसका संकेत सोमवार को जारी आंकड़ों से चलता है। दरअसल, केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान 1.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का पता लगाया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा को यह जानकारी दी।
132 गिरफ्तारियां और 20,128 करोड़ रुपये की वसूली
खबर के मुताबिक, अप्रैल से दिसंबर के बीच 72,393 मामलों में आईटीसी धोखाधड़ी सहित जीएसटी चोरी 1.88 लाख करोड़ रुपये थी। इस अवधि में 132 गिरफ्तारियां की गईं और 20,128 करोड़ रुपये की वसूली की गई। वित्त वर्ष 2023-24 में, सीजीएसटी अधिकारियों ने 20,582 मामलों में 2.30 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया। 31,758 करोड़ रुपये की वसूली की गई और 223 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 2022-23 और 2021-22 में, सीजीएसटी अधिकारियों ने क्रमशः 1.32 लाख करोड़ रुपये और 73,238 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया।
चार मुख्य स्लैब के तहत हैं टैक्स
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत चार मुख्य स्लैब के तहत टैक्स लगाए जाते हैं - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। सोने, चांदी, हीरे और आभूषणों पर और कटे और पॉलिश किए गए हीरे और कच्चे हीरे पर क्रमशः 3 प्रतिशत, 1. 5 प्रतिशत और 0. 25 प्रतिशत की तीन स्पेशल दरें लागू हैं। अलग से, जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर केवल तंबाकू और तंबाकू उत्पादों, वातित पेय और वाहनों आदि पर अलग-अलग दरों पर लागू होता है।
चलाए गए अभियान में पकड़ी गई चोरी
फर्जी रजिस्ट्रेशन का पता लगाने के लिए, केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों ने 2023 में मई से अगस्त और 2024 में अगस्त से अक्टूबर तक दो विशेष अभियान चलाए। फर्जी पंजीकरण के खिलाफ पहले अभियान में 21,808 गैर-मौजूद जीएसटीआईएन पाए गए और 24,357 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला। इस संबंध में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। दूसरे अभियान में 68,393 गैर-मौजूद जीएसटीआईएन पाए गए और 25,346 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला। 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया।